केंद्रीय बजट 2024-25 की मुख्य बातें
बजट अनुमान 2024-25:
o ऋण को छोड़कर कुल प्राप्तियां: 32.07 लाख करोड़ रुपये
o कुल व्यय: 48.21 लाख करोड़ रुपये
o सकल कर प्राप्ति: 25.83 लाख करोड़
o वित्तीय घाटा: जीडीपी का 4.9 प्रतिशत।
• सरकार का लक्ष्य घाटे को अगले साल 4.5 प्रतिशत से नीचे लाना है।
• मुद्रास्फीति कम, स्थायी और 4 प्रतिशत के लक्ष्य की ओर जारी है।
• कोर मुद्रास्फीति (गैर-खाद्य, गैर-ईंधन) 3.1 प्रतिशत।
• बजट में रोजगार, कौशल, एमएसएमई और मध्य वर्ग पर विशेष ध्यान है
रोजगार और कौशल पर प्रधानमंत्री की पांच योजनाएं
4.1 करोड़ युवाओं के लिए पांच साल में रोजगार-कौशल और अन्य अवसरों के लिए प्रधानमंत्री की पांच योजनाएं और पहल।
1. योजना क– पहली बार वालों के लिए :
ईपीएफओ में पंजीकृत पहली बार रोजगार पाने वाले कर्मचारियों को 15 हजार रुपये तक के एक महीने का वेतन जिसे तीन किस्तों में दिया जाएगा।
2. योजना ख– विनिर्माण में रोजगार सृजन :
कर्मचारी और नियोक्ता दोनों को सीधे विनिर्दिष्ट स्केल पर प्रोत्साहन राशि उपलब्ध कराना जो नौकरी के पहले चार साल में दोनों के ईपीएफओ योगदान पर निर्भर है।
3. योजना ग– नौकरी देने वाले को मदद :
सरकार नियोक्ता को उसके ईपीएफओ योगदान के लिए दो साल तक हर अतिरिक्त कर्मचारी पर 3000 हजार रुपये प्रत्येक महीना भुगतान करेगी।
4. कौशल के लिए नई केन्द्र प्रायोजित योजना
• अगले पांच साल की अवधि में 20 लाख युवाओं का कौशल बढ़ाया जाएगा।
• 1,000 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों का उन्नयन किया जाएगा।
5. पांच साल में एक करोड़ युवाओं को पांच सौ टॉप कंपनियों में इंटर्नशिप के लिए नई योजना।
‘विकसित भारत’ की दिशा में नौ बजट प्राथमिकताएं :
1. कृषि में उत्पादकता और अनुकूलनीयता
2. रोजगार और कौशल प्रशिक्षण
3. समावेशी मानव संसाधन विकास और सामाजिक न्याय
4. विनिर्माण और सेवाएं
5. शहरी विकास
6. ऊर्जा सुरक्षा
7. अवसंरचना
8. नवाचार, अनुसंधान और विकास, और
9. अगली पीढ़ी के सुधार
प्राथमिकता 1: कृषि में उत्पादकता और अनुकूलनीयता
• कृषि और इससे जुड़े क्षेत्रों के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये का आवंटन।
• किसानों की खेतीबाड़ी के लिए 32 कृषि और बागवानी फसलों की नई 109 उच्च पैदावार वाली और जलवायु अनुकूल किस्में जारी की जाएंगी।
• प्रमाण-पत्र और ब्रांडिंग व्यवस्था के साथ अगले दो वर्षों में पूरे देश में एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक कृषि से जोड़ा जाएगा।
• प्राकृतिक खेती के लिए 10,000 आवश्यकता आधारित जैव-आदान संसाधन केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
• तीन साल में किसानों और उनकी जमीन को शामिल करने हेतु कृषि में डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (डीपीआई) को लागू किया जाएगा।
प्राथमिकता 2: रोजगार और कौशल प्रशिक्षण
• प्रधानमंत्री पैकेज के भाग के रूप में ‘रोजगार संबद्ध प्रोत्साहन’ के लिए निम्नलिखित 3 योजनाओं योजना क- पहली बार रोजगार पाने वाले, योजना ख- विनिर्माण में रोजगार सृजन, योजना ग- नियोक्ताओं को मदद।
• कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए
o औद्योगिक सहयोग से महिला छात्रावास और क्रेचों की स्थापना।
o महिला केन्द्रित कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन
o महिला स्वयं सहायता समूह उद्यम को बाजार तक पहुंच को बढ़ाना
कौशल विकास
o प्रधानमंत्री के पैकेज के तहत पांच साल की अवधि में 20 लाख युवाओं के कौशल विकास के लिए केन्द्र प्रायोजित नई योजना।
o 7.5 लाख रुपये तक के ऋण की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए मॉडल कौशल ऋण योजना।
o सरकार की योजनाओं और नीतियों के तहत किसी लाभ के लिए पात्र नहीं होने वाले युवाओं को घरेलू संस्थानों में उच्चतर शिक्षा के लिए 10 लाख रुपये तक के ऋण हेतु वित्तीय सहायता।
प्राथमिकता 3: समावेशी मानव संसाधन विकास और सामाजिक न्याय
पूर्वोदय
• अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक गलियारे के साथ गया में औद्योगिक केंद्र का विकास।
• 21,400 करोड़ रुपये की लागत से विद्युत परियोजनाएं आरंभ की जाएंगी जिसमें पिरपैंती में 2400 मेगावाट का नया विद्युत संयंत्र शामिल।
आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम
• बहुपक्षीय विकास एजेंसियों के माध्यम से मौजूदा वित्त वर्ष में 15,000 करोड़ रुपये की विशेष वित्तीय सहायता।
• विशाखापत्तनम-चेन्नई औद्योगिक गलियारे में कोप्पार्थी क्षेत्र और हैदराबाद–बेंगलुरु औद्योगिक गलियारे में ओरवाकल क्षेत्र में औद्योगिक केन्द्र।
महिलाओं के नेतृत्व विकास
- महिलाओं और लड़कियों को फायदा पहुंचाने वाली योजनाओं के लिए कुल तीन लाख करोड़ रुपये का आवंटन।
प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान
• जनजातीय-बहुल गांवों और आकांक्षी जिलों में जनजातीय परिवारों का सामाजिक-आर्थिक विकास, इसमें 63,000 गांवों के 5 करोड़ जनजातीय लोग लाभार्थी होंगे।
उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में बैंक शाखाएं
- उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक की 100 शाखाएं खोलना।
प्राथमिकता 4: विनिर्माण और सेवाएं
विनिर्माण क्षेत्र में एमएसएमई के लिए ऋण गारंटी योजना
• गिरवी या तृतीय पक्ष गारंटी के बिना मशीनरी और उपकरण की खरीद के लिए एमएसएमई को आवधिक ऋण की सुविधा देने के लिए ऋण गारंटी योजना।
संकट की अवधि के दौरान एमएसएमई को ऋण सहायता
• एमएसएमई को उनके संकट अवधि के दौरान बैंक ऋण जारी रखने की सुविधा के लिए एक नई व्यवस्था।
मुद्रा लोन
• ‘तरुण’ श्रेणी के अंतर्गत मुद्रा ऋणों की सीमा को उन उद्यमियों के लिए मौजूदा 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दिया जाएगा जिन्होंने पहले के ऋणों को सफलतापूर्वक चुका दिया है।
ट्रेड्स में अनिवार्य रूप से शामिल होने के लिए और अधिक संभावना
• खरीददारों को ट्रेड्स प्लेटफॉर्म पर अनिवार्य रूप से शामिल करने के लिए कारोबार की सीमा को 500 करोड़ रुपये से घटाकर 250 करोड़ रुपये कर दिया गया।
फूड इरेडिएशन, गुणवत्ता और सुरक्षा परीक्षण के लिए एमएसएमई इकाइयां
• एमएसएमई क्षेत्र में 50 मल्टी-प्रोडक्ट फूड इरेडिएशन इकाइयां स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता दी जाएगी।
ई-कॉमर्स निर्यात केंद्र
• एमएसएमई तथा पारंपरिक कारीगरों को अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में अपने उत्पादों को बेचने में सक्षम बनाने के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मोड में ई-कॉमर्स निर्यात केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
महत्वपूर्ण खनिज मिशन
• घरेलू उत्पादन, महत्वपूर्ण खनिजों की रिसाइक्लिंग और विदेशों में महत्वपूर्ण खनिज संपदा का अधिग्रहण करने के लिए महत्वपूर्ण खनिज मिशन की स्थापना होगी।
खनिजों का अपतटीय खनन
• पहले से किये गए खोज के आधार पर खनन के लिए अपतटीय ब्लॉकों के पहले भाग की नीलामी शुरू होगी।
डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (डीपीआई) अनुप्रयोग
• ऋण, ई-कॉमर्स, शिक्षा, स्वास्थ्य, विधि और न्याय, लॉजिस्टिक्स, एमएसएमई, सेवा प्रदायगी और शहरी शासन के क्षेत्र में डीपीआई अनुप्रयोगों का विकास।
प्राथमिकता 5: शहरी विकास
आवागमन उन्मुखी विकास
• 30 लाख से अधिक जनसंख्या वाले 14 बड़े शहरों के लिए कार्यान्वयन और वित्तपोषण रणनीति के साथ आवागमन उन्मुखी विकास योजनाएं तैयार की जाएंगी।
शहरी आवास
• प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी 2.0 के अंतर्गत, 2.2 लाख करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता सहित 10 लाख करोड़ रुपये के निवेश से अगले पांच वर्ष में 1 करोड़ शहरी गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों की आवास जरूरतों का समाधान किया जाएगा।
स्ट्रीट मार्केट
• अगले पांच वर्षों में प्रत्येक वर्ष चुनिंदा शहरों में 100 साप्ताहिक ‘हाट’ या स्ट्रीट फूड हब के विकास में सहायता के लिए नई योजना।
प्राथमिकता 6: ऊर्जा सुरक्षा
ऊर्जा परिवर्तन
• रोजगार, विकास और पर्यावरण स्थायित्व की आवश्यकता के बीच संतुलन कायम करने के लिए समुचित ऊर्जा परिवर्तन की दिशा में एक नीतिगत दस्तावेज।
पम्प्ड स्टोरेज पॉलिसी
• विद्युत भंडारण के लिए पम्प्ड स्टोरेज परियोजनाओं को बढ़ावा देने की एक नीति।
छोटे तथा मॉड्यूलर परमाणु रिएक्टरों का अनुसंधान और विकास
• भारत स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर के अनुसंधान एवं विकास तथा परमाणु ऊर्जा के लिए और भारत स्मॉल रिएक्टर की स्थापना के लिए नई प्रौद्योगिकियों के लिए सरकार निजी क्षेत्र के साथ साझेदारी करेगी।
उन्नत अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर प्लांट
• उन्नत अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल (एयूएससी) प्रौद्योगिकी का प्रयोग करके परिपूर्ण 800 मेगावाट का वाणिज्यिक संयंत्र स्थापित करने के लिए एनटीपीसी और बीएचईएल के बीच एक संयुक्त उद्यम प्रस्तावित।
‘हार्ड टू एबेट’ उद्योगों के लिए रोडमैप
• ‘हार्ड टू एबेट’ उद्योगों को वर्तमान के ‘परफॉर्म, एचीव एंड ट्रेड’ पद्धति से ‘इंडियन कार्बन मार्केट’ पद्धति में परिवर्तित करने के लिए उपयुक्त विनियम।
प्राथमिकताः 7 अवसंरचना
केंद्र सरकार द्वारा अवसंरचना में निवेश
- पूंजीगत व्यय के लिए `11,11,111 करोड़ रुपये (जीडीपी का 3.4 प्रतिशत) का प्रावधान।
राज्य सरकारों द्वारा अवसंरचना में निवेश
• राज्यों को उनके संसाधन आवंटन में सहायता करने के लिए इस वर्ष भी 1.5 लाख करोड़ रुपये के ब्याज रहित दीर्घावधि ऋण का प्रावधान।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई)
• 25,000 ग्रामीण बसावटों के लिए बारहमासी सड़क संपर्क उपलब्ध कराने हेतु पीएमजीएसवाई का चरण IV आरंभ किया जाएगा।
सिंचाई और बाढ़ उपशमन
• बिहार में कोसी-मेची अंतर्राज्यीय लिंक और अन्य योजनाओं जैसी परियोजनाओं के लिए 11,500 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता।
- सरकार बाढ़, भूस्खलन और अन्य संबंधित परियोजनाओं के लिए असम, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और सिक्किम को सहायता प्रदान करेगी।
पर्यटन
- विष्णुपद मंदिर गलियारा, महाबोधि मंदिर गलियारा और राजगीर का व्यापक विकास।
• ओडिशा के मंदिरों, स्मारक, शिल्प, वन्य जीव अभयारण्य, प्राकृतिक भू-दृश्य और प्राचीन समुद्री तट के विकास हेतु सहायता।
प्राथमिकता 8: नवाचार, अनुसंधान और विकास
• मूलभूत अनुसंधान और प्रोटोटाइप विकास के लिए अनुसंधान नेशनल रिसर्च फंड।
• वाणिज्यिक स्तर पर निजी क्षेत्र द्वारा संचालित अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए एक लाख करोड़ रुपये के वित्तीय पूल व्यवस्था।
अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था
• अगले 10 वर्षों में अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था को 5 गुणा बढ़ाने पर निरन्तर जोर देते हुए 1,000 करोड़ रुपये की उद्यम पूंजी निधि।
प्राथमिकता 9: अगली पीढ़ी के सुधार
ग्रामीण भूमि संबंधी कार्य
• सभी भू-खण्डों के लिए अनन्य भूखंड पहचान संख्या (यूएलपीआईएन) अथवा भू-आधार
• संवर्गीय मानचित्रों का डिजिटलीकरण,
• वर्तमान स्वामित्व के अनुसार मानचित्र उप-प्रभागों का सर्वेक्षण
• भू-रजिस्ट्री की स्थापना, और
• कृषक रजिस्ट्री से जोड़ना।
शहरी भूमि संबंधी कार्य
• शहरी क्षेत्रों में भूमि अभिलेखों को जीआईएस मैपिंग के साथ अंकीकृत किया जाएगा।
श्रमिकों के लिए सेवाएं
• ऐसे वन स्टॉप समाधान के लिए ई-श्रम पोर्टल को अन्य पोर्टलों से जोड़ना।
• तेजी से बदलते श्रमिक बाजार, कौशल संबंधी जरूरतों और उपलब्ध रोजगार की भूमिकाओं के लिए मुक्त आर्किटेक्चर डाटाबेस।
• रोजगार के इच्छुक लोगों को संभावित नियोक्ताओं और कौशल प्रदाताओं के साथ जोड़ने के लिए प्रणाली।
एनपीएस वात्सल्य
• नाबालिगों के लिए माता-पिता और अभिभावकों द्वारा योगदान हेतु एक योजना के रूप में एनपीएस वात्सल्य।
कराधान (Taxation)
- घरेलू कर दरों में कोई बदलाव नहीं
- विदेशी कंपनियों के लिए कर की दर 40% से घटाकर 35% की गई
- मानक कटौती 50,000 रुपये से बढ़ाकर 75,000 रुपये की गई
- एनपीएस में योगदान – 10% से बढ़ाकर 14% किया गया; नियोक्ता और कर्मचारी दोनों के हाथों में कटौती की अनुमति दी गई
- 1 अप्रैल 2024 से एंजल टैक्स समाप्त कर दिया गया
- ई-कॉमर्स आपूर्ति या सेवाओं पर लागू 2% का ई-कॉमर्स इक्वलाइजेशन लेवी वापस ले लिया गया है
- पूंजीगत लाभ व्यवस्था का युक्तिकरण (23 जुलाई 2024 से प्रभावी)
- सूचीबद्ध इक्विटी शेयरों, इक्विटी ओरिएंटेड फंड/बिजनेस ट्रस्ट की इकाई के लिए एसटीसीजी कर की दर 15% से बढ़ाकर 20% की गई
- सूचीबद्ध इक्विटी शेयरों, इक्विटी ओरिएंटेड फंड/बिजनेस ट्रस्ट की इकाई के लिए एलटीसीजी कर की दर को इंडेक्सेशन लाभ हटाकर सभी परिसंपत्तियों के लिए 12.5% तक युक्तिसंगत बनाया गया।
source : pib