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कैंसर क्यों होता है?

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कैंसर क्या है?

कैंसर कैसे होता है, ये समझने के लिए हमें अपने अंदर होने वाली क़ुदरती प्रक्रिया को समझना होगा। हर जीव, हर इंसान का विकास, हमारे शरीर में मौजूद कोशिकाओं के बंटने से होता है।  इंसान का शरीर एक कोशिका से ही बनना शुरू होता है।

नर के शुक्राणु और मादा के अंडाणु के मेल से एक गेंदनुमा कोशिका बनती है।  इसी कोशिका के बार-बार के बंटवारे से हमारा विकास होता है।

जब हम 18 बरस की उम्र तक पहुंचते हैं तब तक हमारे शरीर की कोशिकाएं अरबों बार बंट चुकी होती हैं।  कोशिकाओं के बंटने की ये प्रक्रिया बेहद नियंत्रित माहौल में होती है।

जैसे कि जब आपके हाथ की उंगलियां बनती हैं तो उस दौरान कई कोशिकाएं ख़ुदकुशी करती हैं।  तब जाकर आपकी दो उंगलियों के बीच जगह बनती है।

कैंसर की बीमारी भी कोशिकाओं के बंटवारे से ही होती है।  फ़र्क़ बस इतना होता है कि जहां शरीर के अंगों के विकास के वक़्त कोशिकाओं का विभाजन बेहद नियंत्रित माहौल में होता है।

कैंसर असल में कोशिकाओं के विभाजन की प्रक्रिया का बेक़ाबू हो जाना है। हमारे शरीर में कोशिकाओं के इस बंटवारे पर हमारे जीन का कंट्रोल होता है। जब कोई जीन किसी वजह से ये ज़िम्मेदारी नहीं निभा पाता तो कोशिकाओं के विभाजन की प्रक्रिया आउट ऑफ कंट्रोल हो जाती है।

धूम्रपान, अत्यधिक धूप में रहना और प्रदूषण जैसी चीज़ें कोशिका विभाजन को नियंत्रित करने वाले जीन को ख़राब कर सकती हैं। यह क्षति कोशिकाओं के बढ़ने के तरीके को प्रभावित कर सकती है, जिससे कैंसर हो सकता है। कुछ मामलों में, लोगों को ऐसे जीन विरासत में मिलते हैं जो उन्हें कुछ कैंसरों के प्रति संवेदनशील बनाते हैं।

हमारे शरीर में लगभग 30 खरब यानी 30 लाख करोड़ कोशिकाएं हैं। ये सभी एक निश्चित पैटर्न में नियंत्रित तरीके से बढ़ती हैं और एक समय के बाद खुद ही नष्ट हो जाती हैं। इनकी जगह नई कोशिकाएं आ जाती हैं।  कैंसर होने पर ये सामान्य कोशिकाएं कैंसर सेल्स में बदल जाती हैं और अनियंत्रित तरीके से कई गुना बढ़ने लगती हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक ,  साल 2022 में कैंसर के कारण लगभग 1 करोड़ लोगों की मौत हुई। इसका मतलब है कि दुनिया में किसी भी कारण से हुई हर 6 मौत में से एक मौत का कारण कैंसर था।

कैंसर किस से होता है ?

  • जीवनशैली की कुछ आदतें
  • आपको अपने माता – पिता से मिलने वाले जीन में परिवर्तन
  • काम की जगह पर या घर पर या बाहर कैंसर पैदा कर सकने वाली चीजों के संपर्क में आना

ये चीजें जीन में परिवर्तन ला सकती हैं जिससे कैंसर हो सकता है। लेकिन कई बार, कैंसर का कोई ज्ञात कारण नहीं होता है।

आप अपने माता – पिता से मिले जीन को नहीं बदल सकते हैं , लेकिन आप कैंसर के जोखिम को इसप्रकार कम कर सकते हैं:

  • तंबाकू और धूम्रपान से दूर रह कर
  • स्वस्थ भोजन खा कर
  • सक्रिय रह कर
  • वजन को संतुलित रख कर
  • शराब से दूर रह कर

कैंसर के चरण का क्या मतलब है

कैंसर के चरण का मतलब है कि कैंसर कितना बड़ा है और क्या यह शरीर के अन्य भागों में फैल गया है। निम्न चरण (जैसे कि चरण 1 एवं 2 ) का मतलब है कि कैंसर बहुत अधिक नहीं फैला है। बड़ी चरण (जैसे कि चरण 3 एवं 4) का मतलब है कि कैंसर शरीर के अन्य भागों में फ़ैल गया है।

कैंसर के संकेत और लक्षण क्या हैं?

कैंसर के इतने सारे अलग-अलग प्रकार होने के कारण, लक्षण अलग-अलग होते हैं और यह इस बात पर निर्भर करता है कि बीमारी कहाँ स्थित है। हालाँकि, कुछ प्रमुख संकेत और लक्षण हैं जिन पर ध्यान देना चाहिए, जिनमें शामिल हैं:

  • असामान्य गांठ या सूजन – कैंसरग्रस्त गांठें अक्सर दर्द रहित होती हैं और कैंसर बढ़ने पर उनका आकार बढ़ सकता है।
  • रक्त की कमी – शरीर में खून की बहुत कमी होना भी कैंसर का कारण हो सकता है।
  • खाँसी, साँस फूलना या निगलने में कठिनाई – लगातार खाँसी, साँस फूलना या निगलने में कठिनाई के प्रति सचेत रहें।
  • मल त्याग की आदत में परिवर्तन – जैसे कि कब्ज और दस्त और/या मल में रक्त पाया जाना।
  • अप्रत्याशित रक्तस्राव – इसमें योनि, गुदा मार्ग से रक्तस्राव, या मल, मूत्र या खांसते समय रक्त का पाया जाना शामिल है।
  • अस्पष्टीकृत वजन घटना – अल्प अवधि (कुछ महीने) में अस्पष्टीकृत और अनजाने में बड़ी मात्रा में वजन घटना।
  • थकान – जो खुद को अत्यधिक थकावट और ऊर्जा की गंभीर कमी के रूप में दिखाती है। यदि थकान कैंसर के कारण है, तो व्यक्तियों में आमतौर पर अन्य लक्षण भी होते हैं।
  • दर्द या पीड़ा – इसमें अस्पष्टीकृत या लगातार होने वाला दर्द, या आता-जाता दर्द शामिल है।
  • नया तिल या तिल में परिवर्तन – आकार, आकृति या रंग में परिवर्तन देखें और देखें कि क्या यह पपड़ीदार हो गया है या इसमें खून या रिसाव हो रहा है।
  • पेशाब करने में जटिलताएँ – इसमें तत्काल, अधिक बार पेशाब करने की आवश्यकता होना, या जब आपको पेशाब करने की आवश्यकता हो तब जाने में असमर्थ होना या पेशाब करते समय दर्द का अनुभव होना शामिल है।
  • स्तन में असामान्य परिवर्तन – आकार, आकृति या स्पर्श में परिवर्तन, त्वचा में परिवर्तन और दर्द देखें।
  • भूख में कमी – लम्बे समय तक सामान्य से कम भूख लगना।
  • घाव या अल्सर जो ठीक नहीं होता – जिसमें दाग, घाव या मुंह का अल्सर शामिल है।
  • सीने में जलन या अपच – लगातार या दर्दनाक सीने में जलन या अपच।
  • रात को बहुत ज़्यादा पसीना आना – रात को बहुत ज़्यादा, भीगने वाले पसीने से सावधान रहें।

यहाँ बताए गए ज़्यादातर संकेत और लक्षण कैंसर से कम गंभीर किसी बीमारी के कारण हो सकते हैं, लेकिन अगर यह कैंसर है तो इसका जल्दी पता लगाना बहुत ज़रूरी है। अगर आपको कोई ऐसा बदलाव नज़र आता है जो आपके लिए सामान्य नहीं है या जो लगातार बना रहता है, तो अपने डॉक्टर से बात करने में संकोच न करें। भले ही यह इस सूची में न हो, लेकिन इसकी जाँच करवाना ज़रूरी है।

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