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डार्क वेब (Dark Web) क्या है?

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डार्क वेब (Dark Web) क्या है?

डार्क वेब, इंटरनेट का एक ऐसा हिस्सा है जिसे साधारण सर्च इंजनों जैसे गूगल, बिंग या याहू के माध्यम से एक्सेस नहीं किया जा सकता। इसे सामान्य वेब से अलग करने के लिए इसे “डार्क” कहा जाता है, क्योंकि यह अप्रत्याशित और अक्सर खतरनाक गतिविधियों का स्थल हो सकता है। इस लेख में, हम डार्क वेब के विभिन्न पहलुओं, इसके उपयोग और सुरक्षा संबंधी चिंताओं पर चर्चा करेंगे।

इंटरनेट की संरचना

इंटरनेट को तीन मुख्य श्रेणियों में विभाजित किया गया है:

सतही वेब (Surface Web):

यह वह हिस्सा है जिसे हम रोजाना उपयोग करते हैं। इसमें सभी वेबसाइटें शामिल हैं जो सर्च इंजनों के द्वारा इंडेक्स की जाती हैं। जैसे कि समाचार साइटें, शिक्षा और मनोरंजन से संबंधित साइटें इत्यादि।

  • यह इंटरनेट का वह भाग है जिसका आमतौर पर हम दिन-प्रतिदिन के कार्यों में प्रयोग करते हैं।
  • जैसे गूगल या याहू पर कुछ भी सर्च करते हैं तो हमें सर्च रिज़ल्ट्स प्राप्त होते हैं और इसके लिये किसी विशिष्ट अनुमति की आवश्यकता नहीं होती।
  • ऐसी वेबसाइट्स की सर्च इंजन द्वारा इंडेक्सिंग की जाती है। इसलिये इन तक सर्च इंजन के माध्यम से पहुँचा जा सकता है।
  • इसे विजिबल वेब (Visible Web), इंडेक्सेड वेब (Indexed Web), इंडेक्सेबल वेब (Indexable Web) या लाइटनेट (Lightnet) भी कहा जाता है।

डीप वेब (Deep Web):

  • यह वह हिस्सा है जो साधारण सर्च इंजनों के माध्यम से खोजा नहीं जा सकता, लेकिन यह वैध और उपयोगी है।
  • इसमें शैक्षणिक डेटाबेस, सरकारी वेबसाइटें, मेडिकल रिकॉर्ड इत्यादि शामिल हैं।
  • डीप वेब के किसी डॉक्यूमेंट तक पहुँचने के लिये यूज़र नेम और पासवर्ड के द्वारा उसके URL एड्रेस पर जाकर लॉग-इन करना होता है।
  • जीमेल अकाउंट, ब्लॉगिंग वेबसाइट, सरकारी प्रकाशन, अकादमिक डेटाबेस, वैज्ञानिक अनुसंधान आदि ऐसी ही वेबसाइट्स होती हैं जो अपने प्रकृति में वैधानिक हैं किंतु इन तक पहुँच के लिये एडमिन की अनुमति आवश्यकता होती है।

डार्क वेब (Dark Web):

  • यह सबसे छुपा और जोखिम भरा हिस्सा है, जहाँ विभिन्न प्रकार की अवैध और अनैतिक गतिविधियों का संचालन होता है। डार्क वेब तक पहुँचने के लिए विशेष सॉफ़्टवेयर की आवश्यकता होती है, जैसे कि Tor Browser।
  • डीप वेब में इंटरनेट का 90 प्रतिशत हिस्सा शामिल है, जबकि डार्क वेब में संभवतः 0.01 प्रतिशत से भी कम हिस्सा शामिल है।

लेकिन डार्क वेब पूरी तरह से डार्क नहीं है। इसका इस्तेमाल राजनीतिक मुखबिर, कार्यकर्ता और पत्रकार भी करते हैं, जिन्हें सेंसर किया जा सकता है या अगर उनकी सरकार द्वारा खोज लिया जाता है तो राजनीतिक प्रतिशोध का जोखिम हो सकता है। सबसे खास बात यह है कि विकीलीक्स वेबसाइट का घर डार्क वेब पर है।

डार्क वेब डीप वेब का केवल एक छोटा सा हिस्सा (0.01%) है, जिसमें ऐसी इंटरनेट सामग्री होती है जिसे आपके मानक खोज इंजन द्वारा खोजा नहीं जा सकता। दूसरे शब्दों में, अगर Google वह नहीं ढूँढ़ पाता जिसे आप ढूँढ़ रहे हैं, तो संभवतः वह अभी भी वर्ल्ड वाइड वेब में है; यह केवल डीप वेब में है जिस तक पहुँच पाना कठिन है।

Dark Web

डार्क वेब की उपयोगिता

डार्क वेब कई उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जाता है:

  1. गोपनीयता और एन्क्रिप्शन: कुछ उपयोगकर्ता डार्क वेब का उपयोग अपनी पहचान छिपाने और गोपनीयता बनाए रखने के लिए करते हैं। यह पत्रकारों, राजनैतिक कार्यकर्ताओं और संवेदनशील जानकारी के स्रोतों के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है।
  2. आवश्यक जानकारी: कई लोग डार्क वेब पर रहकर ऐसे विषयों पर जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं जो मुख्यधारा के मीडिया में नहीं मिलती। इसमें सरकार के दृष्टिकोण या नीतियों के बारे में चर्चा शामिल हो सकती है।
  3. अवैध गतिविधियाँ: डार्क वेब पर अवैध सामानों और सेवाओं की बिक्री की जाती है, जैसे कि ड्रग्स, हथियार, फाइनेंशियल डेटा, और व्यक्तिगत जानकारियाँ।

डार्क वेब पर होने वाली गतिविधियाँ

डार्क वेब पर कई प्रकार की गतिविधियाँ होती हैं, जिनमें से कुछ निम्नलिखित हैं:

  • अवैध बिक्री: ड्रग्स, हथियार, नकली पहचान पत्र, और अन्य अवैध वस्तुएँ यहाँ खरीदी और बेची जा सकती हैं।
  • हैकिंग सेवाएँ: डार्क वेब पर कई साइटें हैं जो हैकिंग सेवाएँ प्रदान करती हैं, जहाँ पर लोग अपनी इच्छाओं के अनुसार हैकर्स को पेमेंट कर सकते हैं।
  • व्यक्तिगत डेटा का व्यापार: व्यक्तिगत जानकारी, जैसे कि क्रेडिट कार्ड की जानकारी, व्यक्तिगत पहचान पत्र, और अन्य संवेदनशील जानकारी का व्यापार भी यहाँ होता है।

डार्क वेब का उपयोग कैसे किया जाता है?

डार्क वेब पर जाने के लिए, उपयोगकर्ताओं को Tor (The Onion Router) जैसे विशेष ब्राउज़र की आवश्यकता होती है। Tor ब्राउज़र का उपयोग करके, उपयोगकर्ता अपनी पहचान को छिपा सकते हैं और वेबसाइटों पर जाने के दौरान अपने डेटा को एन्क्रिप्ट कर सकते हैं।

टोर पर जाएं और “हिडन विकी” या ” हाइड विकी” खोजें। यह लोकप्रिय डार्क वेबसाइट की एक डायरेक्टरी खोलेगा। टोर में सर्च इंजन पर क्लिक या कॉपी और पेस्ट करें।

अब आपने डार्क वेब में प्रवेश कर लिया है। लेकिन अगर आप इन वेबसाइटों को google या कुछ और जैसे ब्राउज़र से खोलते हैं। वो आपको तुरंत ब्लॉक कर देंगे।

अपनी जिम्मेदारी के साथ डार्क वेब सर्फ करें। हर देश की साइबर सिक्यॉरिटी टीम डार्क वेब यूजर पर लगातार नजर रख रही है। यदि पुलिस को आपकी गतिविधि पर संदेह होता है और वह आपके स्थान को ट्रैक करने में सक्षम हो जाती है, तो वे आपको गिरफ्तार कर सकते हैं!

गोपनीयता बनाए रखने के लिए, उपयोगकर्ताओं को निम्नलिखित उपायों की सलाह दी जाती है:

  • वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (VPN) का उपयोग करें।
  • अपने असली नाम और पहचान का उपयोग न करें।
  • संवेदनशील जानकारी साझा करने से बचें।
  • डाउनलोड करने और क्लिक करने से पहले सावधानी बरतें।

Google को कैसे पता चलता है कि डार्क वेब पर कौन सी व्यक्तिगत जानकारी है?

यह पता लगाने के लिए कि डार्क वेब पर कौन सी जानकारी है, Google किसी तृतीय-पक्ष विक्रेता का उपयोग करता है। इस विक्रेता के पास डेटाबेस तक पहुँच होती है जो दिखाता है कि वर्तमान में डार्क वेब पर कौन सी सामग्री उपलब्ध है।

डार्क वेब की चुनौतियाँ

डार्क वेब पर जाने के कई खतरों का सामना करना पड़ सकता है:

  • फिशिंग और स्कैम: कई साइटें फर्जी होती हैं और उपयोगकर्ताओं को धोखा देने के लिए बनी होती हैं।
  • कानूनी समस्याएँ: अवैध गतिविधियों में भाग लेना गंभीर कानूनी समस्याएँ उत्पन्न कर सकता है।
  • साइबर सुरक्षा खतरे: डार्क वेब कई ऐसे मैलवेयर और वायरस से भरा हुआ है जो आपके डिवाइस को संक्रमित कर सकते हैं।

क्या डार्क वेब पर मौजूद साइटों का उपयोग करना और उन पर जाना अवैध है?

  • नेटवर्क के मामले में, डार्क वेब थोड़ा ज़्यादा ग्रे एरिया है। डार्क वेब के इस्तेमाल का मतलब आमतौर पर यह होता है कि आप ऐसी गतिविधि में शामिल होने का प्रयास कर रहे हैं जिसे आप अन्यथा सार्वजनिक रूप से नहीं कर सकते।
  • सरकार के आलोचकों और अन्य मुखर अधिवक्ताओं के लिए, अगर उनकी असली पहचान उजागर हो गई तो उन्हें प्रतिक्रिया का डर हो सकता है। जिन लोगों ने दूसरों के हाथों नुकसान सहा है, वे नहीं चाहेंगे कि उनके हमलावरों को घटना के बारे में उनकी बातचीत का पता चले। अगर कोई गतिविधि आपके अधीन आने वाले शासी निकायों द्वारा अवैध मानी जाती है, तो वह अवैध होगी।
  • साइबर हमले और तस्करी ऐसी गतिविधियाँ हैं जिनके बारे में प्रतिभागियों को पता होता है कि वे अपराध करने वाली होंगी। वे इस कारण से छिपने के लिए डार्क वेब पर ये हरकतें करते हैं।
  • आखिरकार, इन जगहों पर सिर्फ़ ब्राउज़ करना अवैध नहीं है, लेकिन यह आपके लिए एक समस्या हो सकती है। हालाँकि यह पूरी तरह से अवैध नहीं है, लेकिन डार्क वेब के कई हिस्सों में अप्रिय गतिविधियाँ होती हैं। यदि आप सावधान नहीं हैं या एक उन्नत, कंप्यूटर जानकार उपयोगकर्ता इसके खतरों से अवगत नहीं हैं, तो यह आपको अनावश्यक जोखिमों में डाल सकता है।

निष्कर्ष

डार्क वेब एक जटिल और बहुआयामी मंच है जिसमें न केवल अवैध गतिविधियाँ शामिल हैं, बल्कि यह गोपनीयता और विश्लेषण के लिए भी एक महत्वपूर्ण स्थान है। हालाँकि, इसका उपयोग करते समय सावधानी बरतना अत्यंत महत्वपूर्ण है। अगर आप डार्क वेब का उपयोग करने की सोच रहे हैं, तो आपको इसकी संभावित खतरों और कानूनी जोखिमों का पूरी तरह से ध्यान रखना चाहिए।

इंटरनेट की इतनी विशाल और विविध दुनिया में, जानकारी की सुरक्षा और गोपनीयता का ध्यान रखना आवश्यक है, चाहे आप साधारण वेब का उपयोग कर रहे हों या डार्क वेब का।

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