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इतिहास

भारत आने वाले प्रमुख विदेशी यात्री| Important Foreign Travelers

भारत आने वाले प्रमुख विदेशी यात्री भारत आने वाले विदेशी यात्रियों के विवरण से भारतीय इतिहास की अमूल्य जानकारी हमें प्राप्त होती है। कुछ यात्रियों ने राजव्यवस्था के मामलों के बारे में लिखा जबकि कुछ ने वास्तुकला और स्मारकों की समकालीन शैली पर ध्यान केंद्रित किया या सामाजिक और आर्थिक जीवन का चित्रण किया। ऐसा […]

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ब्रिटिश भारत के महत्वपूर्ण सामाजिक सुधार अधिनियम(Social Reforms Acts)| Important Points

अंग्रेजों ने सामाजिक सुधारों (Social Reforms) पर अनेक कानून क्यों बनाए? भारत के रीति-रिवाजों और परंपराओं की आलोचना करने का एक कारण भारतीयों में हीन भावना पैदा करना था। अंग्रेज चाहते थे कि भारतीय शिक्षित और आधुनिक हों ताकि वे अपने सामान का उपभोग कर सकें लेकिन इस हद तक नहीं कि यह ब्रिटिश हितों

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सभा, समिति और विधाता| UPSC| Important Points

सभा न्यायिक कार्य करता था, जबकि समिति अन्य कार्यों के साथ राजा कि नियुक्ति करता था। महिलाओं को सभा और विधाता में हिस्सा लेने की अनुमति थी, वे समिति में भाग नहीं ले सकती थीं।

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लाला लाजपत राय (Lala Lajpat Rai) के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य| Important Facts

लाला लाजपत राय (Lala Lajpat Rai) लाला लाजपत राय (28 जनवरी 1865 – 17 नवम्बर 1928) भारत के महानतम स्वतंत्रता सेनानियों में से एक थे। लाला लाजपत राय का जन्म पंजाब के मोगा जिले में 28 जनवरी 1865 को एक अग्रवाल परिवार में हुआ था। उन्हें ‘पंजाब केसरी’ (Punjab Kesari) और ‘पंजाब का शेर’ (Lion of Punjab) नाम से भी जाना

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भारत के प्रमुख गवर्नर-जनरल और वायसराय| प्रमुख तथ्य| Important Facts

गवर्नर-जनरल और वायसराय के पद के बारे में जानकारी बंगाल का गवर्नर-जनरल (1773-1833): जब ईस्ट इंडिया कंपनी भारत आई तो उसने ‘बंगाल के गवर्नर’ (Governor of Bengal) पद के माध्यम से बंगाल पर अपना नियंत्रण स्थापित किया। बंगाल के पहले गवर्नर ‘रॉबर्ट क्लाइव’ (Robert Clive) थे। अन्य प्रेसीडेंसी, बॉम्बे एवं मद्रास के पास अपने स्वयं के

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Inscriptions

भारत के महत्वपूर्ण अभिलेखों की सूची| Important Points

अभिलेख (Inscription) अभिलेख प्रायः स्तंभों, शिलाओं, ताम्रपत्रों, मुद्राओं, मूर्तियों, मंदिरों की दीवारों इत्यादि पर खुदे मिलते हैं। अभिलेखों का अध्ययन पुरालेखशास्त्र (Epigraphy) कहलाता है। भारत का सबसे पुराना अभिलेख हड़प्पा काल का माना जाता है, जिसे अभी तक नही पढ़ा जा सका है | प्राचीनतम पठनीय अभिलेख सम्राट् अशोक का है, जिसे पढ़ने में 1837 ई०

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बुद्ध की विभिन्न मुद्राएं और उनके अर्थ

बुद्ध की विभिन्न मुद्राएं मुद्रा संचार और आत्म-अभिव्यक्ति का एक गैर-मौखिक तरीका है, जिसमें हाथ के इशारों और उंगलियों के आसन शामिल हैं। एक बुद्ध छवि में विभिन्न आसनों के साथ संयुक्त कई सामान्य मुद्राएं हो सकती हैं। इन मुद्राओं के महत्व का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पांच पारलौकिक (ध्यानी)

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भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के महत्वपूर्ण व्यक्तित्व | Important Facts

भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के महत्वपूर्ण व्यक्तित्व के बारे में इस आर्टिकल में चर्चा की गई है.

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Potteries In Ancient India

प्राचीन भारत के मृदभांड (मिट्टी के बर्तन)| Important types of Ancient Pottery

मृदभांड मृदा से निर्मित बर्तन ( मृदभांड ) पुरातात्विक स्रोतों की जानकारी के प्रमुख स्रोत हैं। ताम्र काल में निर्मित पीले गेरू रंग के मृदभांड (OCP), हड़प्पा काल के काले व लाल मृदभांड (BRW), उत्तर वैदिक काल के चित्रित धूसर मृदभांड (PGW) तथा उत्तरी काले मृदभांड (NBPW) से मौर्यकाल की पहचान की जाती है। मृदभांड

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प्राचीन भारत की प्रमुख जल संचयन प्रणाली | Important Water Harvesting System of Ancient India

हमारे देश में जल संसाधनों के प्रबन्धन का इतिहास बहुत पुराना है। प्राचीन काल से ही भारतीय लोगों ने सभ्यता और संस्कृति के विकास के साथ-साथ भारत की जलवायु, मिट्टी की प्रकृति और अन्य विविधताओं को ध्यान में रखकर बरसाती पानी, नदी-नालों, झरनों और जमीन के नीचे मिलने वाले, भूजल संसाधनों के विकास और प्रबन्धन के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की थी। राजस्थान में खड़ीन, कुंड और नाडी, महाराष्ट्र में बन्धारा और ताल, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में बन्धी, बिहार में आहर और पइन, हिमाचल में कुहल, तमिलनाडु में इरी, केरल में सुरंगम, जम्मू क्षेत्र के कांडी इलाके के पोखर, कर्नाटक में कट्टा पानी को सहेजने और एक से दूसरी जगह प्रवाहित करने के कुछ अति प्राचीन साधन थे, जो आज भी प्रचलन में हैं।

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