रामसर (Ramsar) स्थल
- 1971 में ईरान के रामसर में रामसर संधि पत्र पर हस्ताक्षर के अनुबंध करने वाले पक्षों में से भारत एक है। भारत ने 1 फरवरी, 1982 को इस पर हस्ताक्षर किए। 1982 से 2013 के दौरान, रामसर स्थलों की सूची में कुल 26 स्थलों को जोड़ा गया, हालांकि, इस दौरान 2014 से 2025 तक, देश ने रामसर स्थलों की सूची में 63 नई आर्द्रभूमि जोड़ी हैं।
- भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन द्वारा संकलित राष्ट्रीय आर्द्रभूमि सूची और आकलन का अनुमान है कि भारत की आर्द्रभूमि लगभग 1,52,600 वर्ग किलोमीटर में फैली हुई है जो देश के कुल भौगोलिक क्षेत्र का 4.63% है। दो-पांचवें हिस्से से थोड़ा अधिक अंतर्देशीय प्राकृतिक आर्द्रभूमि हैं और लगभग एक चौथाई तटीय आर्द्रभूमि हैं।
आर्द्रभूमि (Wetland) की परिभाषा
आर्द्रभूमि ऐसा भूभाग होता है जहाँ के पारितंत्र का बड़ा हिस्सा स्थाई रूप से या प्रतिवर्ष किसी मौसम में जल से संतृप्त हो या उसमें डूबा रहे। दरअसल, वेटलैंड्स वैसे क्षेत्र हैं जहाँ भरपूर नमी पाई जाती है। जैवविविधता की दृष्टि से आर्द्रभूमियाँ अंत्यंत संवेदनशील होती हैं क्योंकि विशेष प्रकार की वनस्पति व अन्य जीव ही आर्द्रभूमि पर उगने और फलने-फूलने के लिये अनुकूलित होते है।
- नमी या दलदली भूमि वाले क्षेत्र को आर्द्रभूमि या वेटलैंड (Wetland) कहा जाता है।
- आर्द्रभूमि जल को प्रदूषण से मुक्त बनाती है। आर्द्रभूमि वह क्षेत्र है जो वर्ष भर आंशिक रूप से या पूर्णतः जल से भरा रहता है।
- भारत में आर्द्रभूमि ठंडे और शुष्क इलाकों से लेकर मध्य भारत के कटिबंधीय मानसूनी इलाकों और दक्षिण के नमी वाले इलाकों तक फैली हुई है।
- वेटलैंड्स को वेटलैंड्स (संरक्षण और प्रबंधन) नियम, 2017 के तहत विनियमित किया जाता है।
- केंद्रीय आर्द्रभूमि नियामक प्राधिकरण के लिए प्रदान किए गए नियमों का 2010 संस्करण को 2017 के राज्य-स्तरीय निकायों से बदल दिया गया और एक राष्ट्रीय आर्द्रभूमि समिति बनाई गई, जो एक सलाहकार भूमिका में कार्य करती है।
- नए नियमों ने “आर्द्रभूमि” की परिभाषा से कुछ वस्तुओं को हटा दिया, जिनमें बैकवाटर, लैगून, खाड़ी और मुहाना शामिल हैं।
क्यों महत्त्वपूर्ण हैं आर्द्रभूमि ?
बायोलॉजिकल सुपर मार्केट:
- वेटलैंड्स को बायोलॉजिकल सुपर-मार्केट कहा जाता है, क्योंकि ये विस्तृत भोज्य-जाल (Food-Webs) का निर्माण करते हैं।
- फूड-वेब्स यानी भोज्य-जाल में कई खाद्य श्रृंखलाएँ शामिल होती हैं और ऐसा माना जाता है कि फूड-वेब्स पारिस्थितिक तंत्र में जीवों के खाद्य व्यवहारों का वास्तविक प्रतिनिधित्व करते हैं।
- एक समृद्ध फूड-वेब समृद्ध जैव-विविधता का परिचायक है और यही कारण है कि इसे बायोलॉजिकल सुपर मार्केट कहा जाता है।
किडनीज ऑफ द लैंडस्केप:
- वेटलैंड्स को ‘किडनीज़ ऑफ द लैंडस्केप’ (Kidneys of the Landscape) यानी ‘भू-दृश्य के गुर्दे’ भी कहा जाता है।
- जिस प्रकार से हमारे शरीर में जल को शुद्ध करने का कार्य किडनी द्वारा किया जाता है, ठीक उसी प्रकार वेटलैंड तंत्र जल-चक्र द्वारा जल को शुद्ध करता है और प्रदूषणकारी अवयवों को निकाल देता है।
- जल एक ऐसा पदार्थ है जिसकी अवस्था में बदलाव लाना अपेक्षाकृत आसान है।
- जल-चक्र पृथ्वी पर उपलब्ध जल के एक रूप से दूसरे में परिवर्तित होने और एक भंडार से दूसरे भंडार या एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचने की चक्रीय प्रक्रिया है।
- जलीय चक्र निरंतर चलता है तथा स्रोतों को स्वच्छ रखता है और पृथ्वी पर इसके अभाव में जीवन असंभव हो जाएगा।
उपयोगी वनस्पतियों एवं औषधीय पौधों के उत्पादन में सहायक:
- वेटलैंड्स जंतु ही नहीं बल्कि पादपों की दृष्टि से भी एक समृद्ध तंत्र है, जहाँ उपयोगी वनस्पतियाँ एवं औषधीय पौधे भी प्रचुर मात्रा में मिलते हैं।
- अतः ये उपयोगी वनस्पतियों एवं औषधीय पौधों के उत्पादन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
लोगों की आजीविका के लिये महत्त्वपूर्ण:
- दुनिया की तमाम बड़ी सभ्यताएँ जलीय स्रोतों के निकट ही बसती आई हैं और आज भी वेटलैंड्स विश्व में भोजन प्रदान करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
- वेटलैंड्स के नज़दीक रहने वाले लोगों की जीविका बहुत हद तक प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इन पर निर्भर होती है।
पर्यावरण सरंक्षण के लिये महत्त्वपूर्ण:
- वेटलैंड्स ऐसे पारिस्थितिकीय तंत्र हैं जो बाढ़ के दौरान जल के आधिक्य का अवशोषण कर लेते हैं।
- इस तरह बाढ़ का पानी झीलों एवं तालाबों में एकत्रित हो जाता है, जिससे मानवीय आवास वाले क्षेत्र जलमग्न होने से बच जाते हैं।
- इतना ही नहीं ‘कार्बन अवशोषण’ व ‘भू जल स्तर’ में वृद्धि जैसी महत्त्वपूर्ण भूमिकाओं का निर्वहन कर वेटलैंड्स पर्यावरण संरक्षण में अहम योगदान देते हैं।
आर्द्रभूमि दिवस
- आर्द्रभूमि दिवस प्रत्येक वर्ष 2 फरवरी को मनाया जाता है ।
- क्योंकि इसी दिन 1971 में ईरानी शहर रामसर में आर्द्रभूमि पर सम्मेलन किया गया था।
- यह दिन लोगों में आर्द्रभूमि की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में वैश्विक जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है ।
- भारत 1971 से इस सम्मेलन का एक पक्ष है।
रामसर स्थल
- रामसर स्थल वे आद्रभूमियां हैं, जिन्हें अंतरराष्ट्रीय महत्व प्राप्त है।
- 1971 में ईरान के रामसर शहर में विश्व की आद्रभूमियों के स्थाई उपयोग व संरक्षण के लिए यूनेस्को के नेतृत्व में अंतरराष्ट्रीय संधि पर हस्ताक्षर किए गए थे।
- यह संधि 1975 से अस्तित्व में आई। इसे रामसर संधि भी कहा जाता है। इसकी सूची में विश्व की प्रमुख वेटलैंड्स को शामिल किया गया है।
- अनुबंध करने वाले दलों की संख्या: 171
- भारत में 89 स्थल रामसर सम्मेलन द्वारा संरक्षित हैं।
रामसर स्थलों की सूची
आर्द्रभूमि | राज्य |
भितरकनिका मैंग्रोव, चिल्का झील, सतकोसिया कण्ठ, तंपारा झील, हीराकुंड जलाशय, अंशुपा झील | ओडिशा (6) |
दीपोर बील | असम (1) |
लोकटक झील | मणिपुर (1) |
पाला वेटलैंड | मिजोरम (1) |
नलसरोवर पक्षी अभयारण्य, थोल, वाधवाना, खिजड़िया | गुजरात (4) |
कोल्लेरू झील | आंध्र प्रदेश (1) |
नंदुर माधमेश्वर, लोनार झील, ठाणे क्रीक | महाराष्ट्र (3) |
अष्टमुडी, सस्थामकोट्टा, वेम्बनाडी | केरल (3) |
प्वाइंट कैलिमेरे, करिकीली पक्षी अभयारण्य, पल्लीकरनई मार्श रिजर्व फॉरेस्ट, पिचवरम मैंग्रोव, कूनथनकुलम पक्षी अभयारण्य, मन्नार बायोस्फीयर रिजर्व, वेम्बन्नूर वेटलैंड कॉम्प्लेक्स, वेलोड पक्षी अभयारण्य, वेदान्थंगल पक्षी अभयारण्य, उदयमार्थंदपुरम पक्षी अभयारण्य, चित्रांगुडी पक्षी अभ्यारण्य, सुचिन्द्रम थेरूर वेटलैंड कॉम्प्लेक्स, वडुवूर पक्षी अभयारण्य, कांजीरकुलम पक्षी अभयारण्य, करैवेट्टी पक्षी अभयारण्य, लांगवुड शोला रिजर्व वन, काझुवेली पक्षी अभयारण्य, नंजरायण पक्षी अभयारण्य, थेर्थंगल पक्षी अभयारण्य, सक्करकोट्टई पक्षी अभयारण्य | तमिलनाडु (20) |
रुद्रसागर झील | त्रिपुरा (1) |
कबरताल झील, नागी पक्षी अभयारण्य, नकटी पक्षी अभयारण्य | बिहार (3) |
आसन संरक्षण रिजर्व | उत्तराखंड (1) |
त्सो कर झील, त्सोमोरिरी (उच्च ऊंचाई वाला रामसर स्थल) | लद्दाख (2) |
सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान, भिंडावास वन्यजीव अभयारण्य | हरियाणा (2) |
सुरिनसर – मानसर झीलें, वुलर, होकेरा, हाइगम वेटलैंड कंजर्वेशन रिजर्व, शालबुग वेटलैंड कंजर्वेशन रिजर्व | जम्मू और कश्मीर (5) |
कांजली झील, हरिके झील, रोपड़, केशोपुर मियां, नंगल, ब्यास संरक्षण रिजर्व | पंजाब (6) |
ऊपरी गंगा नदी (बृजघाट से नरोरा खंड), नवाबगंज, पार्वती आगरा, समन, समसपुर, सांडी, सरसई नवर, सुर सरोवर, हैदरपुर, बखिरा | उत्तर प्रदेश (10) |
भोज आर्द्रभूमि, साख्य सागर, सिरपुर तालाब, यशवंत सागर, तवा जलाशय | मध्य प्रदेश (5) |
पूर्वी कलकत्ता आर्द्रभूमि, सुंदरबन आर्द्रभूमि | पश्चिम बंगाल (2) |
रेणुका, पोंग बांध, चंद्रताल आर्द्रभूमि | हिमाचल प्रदेश (3) |
केवलादेव घाना राष्ट्रीय उद्यान , सांभर झील | राजस्थान (2) |
नंदा झील | गोवा (1) |
रंगनाथिट्टू पक्षी अभयारण्य, मगदी केरे संरक्षण रिजर्व, अंकसमुद्र पक्षी संरक्षण रिजर्व, अघनाशिनी मुहाना | कर्नाटक (4) |
खेचेओपलरी वेटलैंड | सिक्किम (1) |
उधवा झील | झारखण्ड(1) |
नवीनतम रामसर स्थल
2 फरवरी, 2025 को सूची में चार नए स्थल जोड़े गए, जिससे भारत में कुल रामसर स्थल 89 हो गए।
नए रामसर स्थल हैं:
सक्करकोट्टई पक्षी अभयारण्य (तमिलनाडु)
थेरथंगल पक्षी अभयारण्य (तमिलनाडु)
खेचोपलरी वेटलैंड (सिक्किम)
उधवा झील (झारखंड)
इसके साथ ही भारत एशिया में सबसे अधिक रामसर स्थलों वाला देश बन गया और यूनाइटेड किंगडम (176) और मैक्सिको (144) के बाद दुनिया में तीसरा सबसे अधिक रामसर स्थल वाला देश बन गया। अब भारत में कुल 1301 वेटलैंड हैं, जिनमें 89 रामसर वेटलैंड और 114 महत्वपूर्ण वेटलैंड शामिल हैं।
भारत में रामसर स्थल संवंधित महत्वपूर्ण तथ्य:
- भारत में सबसे बड़ा रामसर स्थल: सुंदरबन
- क्षेत्रवार : ( सुंदरबन > वेम्बनाड > चिल्का >….>रेणुका)
- भारत में सबसे छोटी रामसर स्थल : रेणुका वेटलैंड
- भारत में सबसे पुराना रामसर स्थल: चिल्का झील (1981), केवलादेव घाना राष्ट्रीय उद्यान (1981)
- भारत में रामसर स्थलों की कुल संख्या : 89
- मॉन्ट्रेक्स रिकॉर्ड के अंतर्गत आर्द्रभूमियों की संख्या : 2
मॉन्ट्रेक्स रिकॉर्ड
कन्वेंशन के तहत मॉन्ट्रेक्स रिकॉर्ड अंतरराष्ट्रीय महत्व के वेटलैंड्स की सूची में वेटलैंड साइटों का एक रजिस्टर है जहां पारिस्थितिक चरित्र में परिवर्तन हुए हैं, हो रहे हैं, या तकनीकी विकास, प्रदूषण या अन्य मानवीय हस्तक्षेप के परिणामस्वरूप होने की संभावना है।
- इसे रामसर सूची के हिस्से के रूप में रखा गया है।
- मॉन्ट्रो रिकॉर्ड की स्थापना अनुबंध पार्टियों के सम्मेलन की सिफारिश (1990) द्वारा की गई थी।
- साइटों को रिकॉर्ड में जोड़ा और हटाया जा सकता है, केवल उन अनुबंध पक्षों के अनुमोदन से जिनमें वे निहित हैं।
- वर्तमान में, भारत के दो आर्द्रभूमि मॉन्ट्रेक्स रिकॉर्ड में हैं: केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान (राजस्थान) और लोकतक झील (मणिपुर)।
- चिल्का झील (ओडिशा) को रिकॉर्ड में रखा गया था लेकिन बाद में इसे इससे हटा दिया गया था।
Also refer :
- Download the pdf of Important MCQs From the History Of Ancient India
- List Of Important Inscriptions In India
- Environmental organizations of India