बिहार की प्रमुख नदियाँ
बिहार के नदियों को उद्गम क्षेत्र के आधार पर दो भागों में विभाजित किया गया है:-
- उत्तरी बिहार की नदियाँ: कोसी, कमला, बागमती, गंडक, बूढ़ी गंडक, घाघरा एवं महानंदा नदी आदि। यह सभी चिरस्थायी नदियाँ हैं।
- दक्षिणी बिहार की नदियाँ: सोन, पुनपुन कर्मनाशा, फल्गु, अजय, चानन एवं किऊल नदी आदि। यह मुख्यतः बरसाती नदियाँ हैं।
गंगा नदी (बिहार की प्रमुख नदियाँ)
गंगा नदी बिहार की मुख्य नदी है जो राज्य के मध्य भाग में पश्चिम से पूर्व की दिशा में प्रवाहित होती है। यह भारत और बांग्लादेश में कुल मिलाकर 2525 किलोमीटर (कि॰मी॰) की दूरी तय करती हुई उत्तराखंड में हिमालय से लेकर बंगाल की खाड़ी के सुन्दरवन तक विशाल भू-भाग को सींचती है। 2,071 कि॰मी॰ तक भारत तथा उसके बाद बांग्लादेश में अपनी लंबी यात्रा करते हुए यह सहायक नदियों के साथ दस लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के अति विशाल उपजाऊ मैदान की रचना करती है।
- गंगा नदी देश की सबसे प्रमुख एवं पवित्र नदी है। गंगा नदी उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के गोमुख स्थान में स्थित गंगोत्री ग्लेशियर से निकलती है । इसकी कुल लंबाई 2525 किलोमीटर है ।
- गंगा नदी बिहार में बक्सर जिला के चौसा के निकट प्रवेश करती है ।
- गंगा उत्तरी बिहार की प्रमुख नदी है जिसकी बिहार में कुल लंबाई 445 किलोमीटर है ।
- बिहार में गंगा नदी की प्रमुख सहायक नदियां घाघरा, गंडक, बूढ़ी गंडक, सोनपुर, पुनपुन, महानंदा और और कर्मनाशा आदि है।
- कर्मनाशा चौशा के पास, सोन मनेर के पास, पुनपुन फतुहा के पास, फल्गु सूर्यगढ़ा के पास गंगा में मिलती है।
सोन नदी (बिहार की प्रमुख नदियाँ)
- सोन नदी दक्षिण बिहार की सबसे प्रमुख नदी है।
- सोन नदी को सोनभद्र शीला के नाम से भी जाना जाता है ।
- इसका पुराना नाम संभवत: ‘सोहन’ था जो पीछे बिगड़कर सोन बन गया।
- इस नदी का नाम सोन इसलिए भी कहा जाता है क्योंकि इस नदी के बालू (रेत) पीले रंग के हैँ जो सोने कि तरह चमकते हैँ।
- सोन नदी मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले से अमरकंटक पहाड़ी के मैकाल पर्वत श्रेणी से निकलती है। जिसकी कुल लंबाई 784 किलोमीटर है ।
- सोन नदी मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश तथा झारखंड राज्यों से होकर बिहार के रोहतास जिले में प्रवेश करती है जिसकी बिहार में कुल लंबाई 202 किलोमीटर है ।
- सोन नदी पटना के निकट मनेर में गंगा नदी में मिल जाती है ।
- इसकी प्रमुख सहायक नदियां गोपद, रिहान, कनहर एवं उत्तरी कोयल आदि है।
- इस नदी में डिहरी-आन-सोन पर बाँध बाँधकर 296 मील लंबी नहर निकाली गई है जिसके जल से शाहाबाद, गया और पटना जिलों के लगभग सात लाख एकड़ भूमि की सिंचाई होती है। यह बाँध 1874 ई. में तैयार हो गया था। इस नदी पर ही एक लंबा पुल, लगभग 3 मील लंबा, डिहरी-ऑन-सोन पर बना हुआ है।
- दूसरा पुल पटना और आरा के बीच कोइलवर नामक स्थान पर है। कोइलवर पुल रेल-सह-सड़क पुल है। ऊपर रेलगाड़ियाँ और नीचे बस, मोटर और बैलगाड़ियाँ आदि चलती हैं। इसी नदी पर एक तीसरा पुल भी ग्रैंड ट्रंक रोड पर बनाया गया है। 1965 ई. में यह पुल तैयार हो गया था।
कोसी नदी (बिहार की प्रमुख नदियाँ)
- कोसी उत्तरी बिहार की प्रमुख नदी है । ऋग्वेद में इस नदी का उल्लेख कौशिकी नाम से किया गया है लेकिन नेपाल में इसे सप्तकोशी के नाम से जाना जाता है क्योंकि यह नदी 7 नदियों के धाराओं के मिलने से बनी है ।
- कोसी नदी नेपाल और तिब्बत की सीमा रेखा पर स्थित गोसाई थान चोटी से निकलती है। कोसी नदी की कुल लंबाई 730 किलोमीटर है । बिहार में इसकी लंबाई 260 किलोमीटर है।
- इसके भौगोलिक स्वरूप को देखें तो पता चलेगा कि पिछले 250 वर्षों में 120 किमी का विस्तार कर चुकी है।
- यह नेपाल में हनुमान नगर के पास भारतीय क्षेत्र में प्रवेश करती है। कोसी नदी बिहार में सुपौल जिला के भीम नगर के निकट प्रवेश करती है । यह कटिहार जिले में कुरसेला के पास गंगा नदी में मिलती है।
- कोसी नदी को अपने मार्ग परिवर्तन तथा बाढ़ आने के कारण बिहार का शोक कहा जाता है ।
- कोसी की प्रमुख सहायक नदियां अरुण, तामुर, सुनकोसी, दूधकोशी, तमाकोशी, इंद्रावती तथा लिखुखोला आदि है कोसी के मुख्यधारा अरुण और सुनकोशी से निकलती है ।
घाघरा नदी (बिहार की प्रमुख नदियाँ)
- घागरा उत्तरी बिहार की प्रमुख नदियां में से एक है । इस नदी को नेपाल में करनाली तथा उत्तर प्रदेश में सरयू नदी के नाम से जाना जाता हैं । अयोध्या सरयू नदी के किनारे स्थित एक प्रमुख धार्मिक स्थल है।
- घाघरा नदी मापचाचुंगो ग्लेशियर से निकलती है । घाघरा कुल लंबाई 1080 किलोमीटर है जबकि बिहार में इसकी कुल लंबाई मात्र 83 किलोमीटर ही है ।
- घाघरा नदी बिहार एवं उत्तर प्रदेश की सीमा का बटवारा करती है । घाघरा सारण जिले में छपरा के नजदीक गंगा नदी में मिलती है ।
- घागरा की सबसे बड़ी सहायक नदी राप्ती है, कि जो बरहज के निकट मिलती है।
गंडक नदी (बिहार की प्रमुख नदियाँ)
- गंडक नदी उत्तर पश्चिम बिहार की प्रमुख नदी है। इस नदी को अन्य नाम काली गंडक, शालिग्रमी, सदानीरा तथा नारायणी आदि नामों से भी जाना जाता है।
- त्रिवेणी पर्वत के पहले इसमें एक सहायक नदी त्रिशूलगंगा मिलती है।
- गंडक नदी की उत्पत्ति नेपाल में अन्नपूर्णा श्रेणी के मानमोट तथा कूटान के मध्य से होती है । जिसकी कुल लंबाई 630 किलोमीटर है । जबकि बिहार में इसकी कुल लंबाई 260 किलोमीटर है।
- गंडक नदी वाल्मीकि नगर पश्चिमी चंपारण से बिहार की सीमा में प्रवेश करते हुए चंपारण सारण तथा मुजफ्फरपुर जिले से होकर प्रभावित होती है और यह हाजीपुर के निकट गंगा नदी में मिल जाती है।
- पहले यह नदी बाढ़ के लिए जाने जाते थे लेकिन बाल्मीकि नगर बांध निर्माण से बढ़ी की समस्या पर नियंत्रण कर लिया गया है।
- नेपाल का चितवन राष्ट्रीय उद्यान और भारत का वाल्मीकि राष्ट्रीय उद्यान गंडक बैराज के आसपास वाल्मीकिनगर के क्षेत्र में एक दूसरे के ठीक बगल में स्थित हैं।
बागमती नदी (बिहार की प्रमुख नदियाँ)
- बागमती नदी नेपाल में हिमालय की महाभारत श्रेणियों में स्थित बागद्वार से निकलती है। काठमाण्डु के टेकु दोभान मैं विष्णुमति नदी इसमें समाहित होती है। यह नदी बलौर से भी गुजरती है।
- यह नदी नेपाल में लगभग 195 किलोमीटर की यात्रा तय कर के बिहार के सीतामढ़ी जिले में समस्तीपुर-नरकटियागंज रेल लाइन पर स्थित ढेंग रेलवे स्टेशन के 2.5 किलोमीटर उत्तर में भारत में प्रवेश करती है।
- बिहार में इस नदी की कुल लम्बाई 394 किलोमीटर है।
- इसकी सहायक नदियों में लाल बकेया नदी, लखनदेई नदी, चकनाहा नदी, जमुने नदी, सिपरीधार नदी, छोटी बागमती, कोला नदी आदि हैं।
- कोसी परियोजना के अन्तर्गत बागमती नदी को भी नियन्त्रित कर इस पर पुल और नये बाँध बनाए गए हैं। यह कमला नदी से मिलकर कोसी नदी में मिल जाती है।
- नेपाल का सबसे पवित्र तीर्थ स्थल पशुपतिनाथ मंदिर भी इसी नदी के तट पर अवस्थित है।
कमला नदी (बिहार की प्रमुख नदियाँ)
- यह नदी मिथिलांचल में गंगा नदी के बाद सर्वाधिक पुण्यदायिनी तथा महत्वपूर्ण उर्वरा-शक्ति युक्त मानी जाती है।
- बिहार राज्य में जयनगर नामक प्रसिद्ध स्थान के पास कमला बिहार के वर्तमान मधुबनी जिले में अवतरित होती है, जहाँ उसे अत्यधिक पवित्र नदी के रूप में मान्यता प्राप्त हो जाती है।
- कमला की काफी प्राचीन तीन धाराएँ मिथिलांचल की एक प्रसिद्ध नदी ‘जीबछ नदी’ से मिलकर बहती थी, जिसका नामशेष अब ‘जीवछ नदी’ के रूप में ही रह गया है। कमला की ये प्राचीन धाराएँ जयनगर-मधुबनी रेल मार्ग से पश्चिम होकर बहती थीं, जबकि बाद की धाराएँ जयनगर-मधुबनी रेल मार्ग से पूरब होकर बहती रही हैं। ये ही धाराएँ वस्तुतः ‘कमला नदी’ के नाम से प्रसिद्ध हैं। वर्तमान में कमला मिथिलांचल की अपेक्षाकृत छोटी नदी ‘बलान’ से मिलकर बहती है और प्रायः ‘कमला-बलान’ के नाम से जानी जाती है। यह बलान मिथिलांचल की ही एक बड़ी नदी ‘भुतहीबलान’ से भिन्न है।
महानंदा नदी (बिहार की प्रमुख नदियाँ)
- यह नदी नेपाल में हिमालय की महाभारत श्रेणी से निकलती है।
- बिहार में यह किशनगंज में प्रवेश करती है तथा पूर्णिया एवं कटिहार में बहती हुई गंगा नदी में मिल जाती है।
- बिहार में इसकी लम्बाई 376 कि.मी. है ।
- प्रमुख सहायक नदियाँ : मेची, बला सोन, कंकाई, तंगोन, नागर।
पुनपुन नदी (बिहार की प्रमुख नदियाँ)
पुनपुन नदी (Punpun River) भारत के झारखण्ड और बिहार राज्यों में बहने वाली गंगा नदी की एक उपनदी है। यह झारखण्ड के पलामू ज़िले में छोटे नागपुर पठार में उत्पन्न होती है। फिर यह झारखण्ड के ही पलामू ज़िले और फिर बिहार के औरंगाबाद ज़िले, गया ज़िले और पटना ज़िले से गुज़रती हुई फतुहा में गंगा नदी में विलय हो जती है। पटना ज़िले के पुनपुन नगर का नाम इसी नदी पर पड़ा है।
- उद्गम स्थान : छोटानागपुर पठार, पलामू, झारखंड
- बिहार में प्रवेश : गया
- कुल लंबाई : 235 Km
- प्रमुख सहायक नदियां : मादर, बिलरो, रामरेखा, मोरहर, दीर्घा तथा बूताने ।
बूढ़ी गंडक (बिहार की प्रमुख नदियाँ)
बूढ़ी गण्डक (Budhi Gandak) बिहार में बहने वाली गंगा नदी की एक उपनदी है। यह गण्डकी नदी से पूर्व में उसके समानांतर बहती है। बूढ़ी गण्डक पश्चिमी चम्पारण ज़िले में आरम्भ होती है। फिर यह पूर्वी चम्पारण, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर और बेगूसराय ज़िलों से निकलकर, अंत में खगड़िया ज़िले में खगड़िया शहर के निकट गंगा नदी में विलय हो जाती है।
- उद्गम स्थान : सोमेश्वर पहाड़ी
- कुल लंबाई : 320 Km
- प्रमुख सहायक नदियाँ : डंडा, हरहा, मसान, धनवती, सिकता तथा कोहरा।
किउल नदी (बिहार की प्रमुख नदियाँ)
किउल नदी हजारीबाग जिले के खमरडीहा से निकलती है।
- उद्गम स्थान : पारसनाथ पहाड़ी, झारखंड
- बिहार में प्रवेश : सत पहाड़ी, जमुई
- कुल लंबाई : 111 Km
- प्रमुख सहायक नदियां : अंजन, हरोहर तथा बर्नर।
कर्मनाशा नदी (बिहार की प्रमुख नदियाँ)
कर्मनाशा नदी (Karmanasa River) भारत के बिहार और उत्तर प्रदेश राज्यों में बहने वाली एक नदी है। यह गंगा नदी की एक उपनदी है। इसकी उत्पत्ति बिहार के कैमूर ज़िले में होती है और फिर यह बहते हुए बिहार व उत्तर प्रदेश की सीमा निर्धारित करती है। इसकी बाई (पश्चिमी) ओर उत्तर प्रदेश के सोनभद्र, चन्दौली, वाराणसी और गाज़ीपुर ज़िले हैं, जबकि दाई (पूर्वी) ओर बिहार के कैमूर और बक्सर हैं। नदी की कुल लम्बाई 192 किमी है और इसके जलसम्भर क्षेत्र में 11,709 वर्ग किमी आता है। उत्तर प्रदेश के गाज़ीपुर ज़िले के बाड़ा गाँव और बिहार के बक्सर ज़िले के चौसा गाँव के समीप यह गंगा में विलय हो जाती है।
- यह नदी बिहार और उत्तर प्रदेश को विभाजित करती है।
- बिहार में यह नदी अपवित्र समझी जाती है।
- उद्गम स्थान : विंध्यन पहाड़ी
- कुल लंबाई : 192 Km
- प्रमुख सहायक नदी : दुर्गावती
फल्गू नदी (बिहार की प्रमुख नदियाँ)
- यह गया के पवित्र नगर से गुज़रती है और इस नदी का हिन्दू व बौद्ध धर्मों में विशेष महत्व है। भगवान विष्णु का विष्णूपाद मंदिर इसके किनारे खड़ा है।
- यह नदी गया के समीप लीलाजन नदी और मोहाना नदी के संगम से आरम्भ होती है और इसकी धाराएँ अंत में पुनपुन नदी में विलय हो जाती हैं, जो स्वयं गंगा नदी की एक उपनदी है।
मोहाना नदी (बिहार की प्रमुख नदियाँ)
- यह बिहार में गया के समीप लीलाजन नदी से संगम करती है, जिसके उपरांत इसे फल्गू नदी के नाम से जाना जाता है।
लीलाजन नदी/निरंजना नदी (बिहार की प्रमुख नदियाँ)
- लीलाजन नदी (Lilajan River) को निरंजना नदी (Niranjana River) भी कहते हैं।
- यह बिहार में गया के समीप मोहाना नदी से संगम करती है, जिसके उपरांत इसे फल्गू नदी के नाम से जाना जाता है।
लखनदेई नदी (बिहार की प्रमुख नदियाँ)
- दक्षिणी नेपाल और भारत के बिहार राज्य में बहने वाली एक नदी है।
- यह बागमती नदी की एक उपनदी है।
- नेपाल में इस नदी की मुख्य धारा सर्लाही ज़िले में हिमालय की शिवालिक पर्वतमाला में आरम्भ होती है। फिर यह भारत में बिहार के सीतामढ़ी ज़िले में प्रवेश करती है, और सीतामढ़ी शहर से होते हुये मुज़फ्फरपुर ज़िले के कटरा में बागमती नदी में विलय हो जाती है।
अजय नदी (बिहार की प्रमुख नदियाँ)
- अजय नदी जमुई जिले के बटपाड़ से निकलती है।
- बाद में यह पश्चिम बंगाल में प्रवेश कर जाती है और गंगा में विलीन हो जाती है।
Also refer :
- बिहार सामान्य ज्ञान
- Top 50 Science MCQs For Competitive Exams
- Top 50 Science Questions From Previous Year UPSC Prelims