.

महिला सशक्तिकरण के लिए बिहार सरकार की महत्वपूर्ण योजनाएँ| Important

Share it

महिला सशक्तिकरण के लिए बिहार सरकार की महत्वपूर्ण योजनाएँ

बिहार महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए ठोस प्रयास कर रहा है। राज्य सरकार ने 2015 में महिला सशक्तिकरण नीति तैयार की है और लिंग संबंधी मुद्दों को देखने के लिए एक केंद्र (लिंग संसाधन केंद्र) को बढ़ावा दिया है।

पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण

  • पंचायती राज संस्थाओं और शहरी निकायों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण ने एक सामाजिक क्रांति की नींव रखी क्योंकि इसका उद्देश्य महिलाओं को समान अधिकार, समान सामाजिक स्थिति और समान अवसर प्रदान करना था। इसने नीति निर्माताओं के रूप में स्थानीय स्वशासन में महिलाओं की सम्मानजनक भागीदारी का मार्ग प्रशस्त किया।
  • यह पहल पूरे देश में अग्रणी थी। त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था के सभी स्तरों पर 50 प्रतिशत से अधिक महिलाओं के चुनाव ने एक ऐतिहासिक रिकॉर्ड बनाया। बाद में इसी पैटर्न पर आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, केरल, महाराष्ट्र, उड़ीसा, राजस्थान, त्रिपुरा और उत्तराखंड का स्थान रहा।

आरक्षित रोजगार महिलाओं का अधिकार

  • राज्य सरकार ने कार्य भागीदारी के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए सभी सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 35% आरक्षण प्रदान किया है।

मुख्‍यमंत्री महिला उद्यमी योजना

  • योजना के तहत मिलने वाले 10 लाख के लोन में केवल पांच लाख रुपये ही चुकाने होंगे।
  • महिलाओं को इस लोन के लिए ब्‍याज नहीं देना होगा। अन्‍य को केवल एक फीसद ब्‍याज देना होगा।
  • लोन चुकाने के लिए सात साल का समय मिलेगा। आवेदन की प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन है।
  • यह योजना 18 जून 2021 को लॉन्च की गई है।
  • दरअसल, नए उद्यमियों के लिए सरकार ने अनुसूचित जाति-जनजाति, अति पिछड़ा वर्ग, महिला और सामान्‍य युवा के लिए चार अलग-अलग कोटियां निर्धारित की हैं। हर कोटि के लिए योजना के बाकी नियम तो लगभग एक जैसे हैं, लेकिन सबका कोटा अलग-अलग है।
  • आवेदन करने के लिए आधिकारिक वेबसाइट (https://udyami.bihar.gov.in/) है।

मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना

इस योजना के तहत सभी लड़कियों को जन्म से लेकर उनके स्नातक की डिग्री हासिल करने तक आर्थिक सहायता दी जाएगी। ये सहायता सरकार द्वारा बालिकाओं को उन्हें उच्च शिक्षा और विकास के लिए दी जाएगी।

कन्या के जन्म के समय2000 /- रूपए
टीकाकरण के समय1000 /- रूपए
बेटी के 1 वर्ष पूरे होने पर2000 /- रूपए
बेटी के इंटर पास करने पर25,000 /- रूपए
बेटी के स्नातक करने के बाद50,000 /- रूपए

पहले इंटर पास करने वाली छात्राओं को सरकार द्वारा 10 हजार रुपये और ग्रेजुएशन या समतुल्य डिग्री पूरी करने पर 25 हजार रुपये दिए जाते थे। अविवाहित छात्राओं को इस स्कॉलरशिप का लाभ मिलता है।लेकिन अब इसके तहत मिलने वाली राशि दोगुनी कर दी गई है। इसके अलावा शिक्षा के साथ साथ उनकी अन्य जरूरतें भी पूरी की जाएंगी। जैसे की उनकी यूनिफार्म के लिए भी उन्हें आर्थिक सहायता दी जाएगी।

कक्षा 1 से 2 (यूनिफार्म के लिए)600 /- रूपए
कक्षा 3 से 5 (यूनिफार्म के लिए) 700 /- रूपए
कक्षा 6 से 8 (यूनिफार्म के लिए) 1000 /- रूपए
कक्षा 9 से 12 (यूनिफार्म के लिए)1500 /- रूपए
सेनेटरी पैड्स (मुख्यमंत्री किशोरी स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत)300 /- रूपए

बिहार आर्थिक सर्वेक्षण : 2020-2021

मुख्यमंत्री बालिका पोशाक योजना

  • लड़कियों और उनके अभिभावकों को स्कूलों की ओर आकर्षित करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री बालिका पोषण योजना शुरू की गई है।
  • कक्षा 1-8 में नियमित रूप से पढ़ने वाली छात्राओं को स्कूल यूनिफॉर्म खरीदने के लिए कक्षा I, II के लिए 600, कक्षा III से V के लिए 700 और कक्षा VI से VIII के लिए 1000 रुपये की एक निश्चित राशि प्रदान की जाती है।
  • बिहार शताब्दी मुख्यमंत्री बालिका पोशक योजना वर्ष 2011-12 के बाद से राज्य सरकार के स्कूलों / इंटर कॉलेजों में कक्षा 9-12 में नियमित रूप से उपस्थित होने वाली लड़कियों को यूनिफॉर्म खरीदने के लिए 1500 रुपये की निश्चित राशि प्रदान करती है।

मुख्यमंत्री बालिका साइकिल योजना

महिला सशक्तिकरण के लिए बिहार सरकार की महत्वपूर्ण योजनाएँ
  • कई लड़कियां मिडिल स्कूल के बाद पढाई बीच में ही छोड़ देती थीं क्योंकि हाई स्कूल उनके घर से दूर जगह पर स्थित थे।
  • ऐसी लड़कियों की नियमित पढ़ाई की सुविधा के लिए मुख्यमंत्री बालिका साइकिल योजना वर्ष 2007 में शुरू की गई।
  • इस योजना के तहत कक्षा 9 में पढ़ने वाली छात्राओं को एकमुश्त 3000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है।

सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना

  • सिविल सेवाओं के लिए महिला उम्मीदवारों को प्रोत्साहित करने के लिए 50,000 रुपये और 1 लाख रुपये की राशि मुख्य परीक्षा की तैयारी के लिए BPSC या UPSC द्वारा आयोजित प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले उम्मीदवारों को दिए जाते हैं।

मुख्यमंत्री बालिका प्रोत्साहन योजना

  • मुख्यमंत्री बालिका प्रोत्साहन योजना का उद्देश्य मैट्रिक परीक्षा में प्रथम श्रेणी प्राप्त करने वाली बालिकाओं को 10,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान करना है।

जीविका

बिहार ग्रामीण आजीविका संवर्धन सोसायटी (Bihar Rural Livelihoods Promotion Society), जिसे जीविका के नाम से जाना जाता है, ने खुद को 1.27 करोड़ से अधिक परिवारों के जीवन को छूने वाले राज्यव्यापी आंदोलन में बदल दिया है।

  • बिहार देश का पहला राज्य बन गया है जहां महिलाओं द्वारा प्रबंधित 10 लाख स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) हैं। समूह 2007 से राज्य में महिलाओं को सशक्त बनाने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए विश्व बैंक समर्थित गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम जीविका के तहत काम कर रहे हैं।
  • जीविका के माध्यम से वर्ष 2007 से बैंकों के साथ क्रेडिट लिंकेज स्थापित किए गए। इसका उद्देश्य छोटी बचत को बढ़ाना है। संस्थानों के निर्माण, क्षमता निर्माण और वित्तीय समावेशन के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की गई है।

जननी बाल सुरक्षा योजना

  • जननी बाल सुरक्षा योजना के तहत संस्थागत प्रसव में उल्लेखनीय उपलब्धि दर्ज की गई है। आशा और ममता जैसे प्रशिक्षित स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के माध्यम से गर्भवती महिलाओं और नर्सिंग माताओं को स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान की गई। स्वास्थ्य विभाग ने वर्ष 2011 को महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक कदम के रूप में सुरक्षित मातृत्व वर्ष के रूप में मनाया। वर्ष 2006-07 में केवल 4 प्रतिशत महिलाएं ही संस्थागत प्रसव के लिए अस्पतालों में जाती थीं जो अब बढ़कर 47प्रतिशत हो गया है।
  • वर्ष 2005 में राज्य की शिशु मृत्यु दर 61 प्रति हजार जन्म थी जो वर्तमान में घटकर 35 प्रति हजार जन्म हो गई है। वर्ष 2005 में नियमित टीकाकरण प्रतिशत में 18.6 से बढ़कर वर्ष 2018-19 में 84 प्रतिशत हो गई। यह राष्ट्रीय औसत से भी अधिक है। मातृ मृत्यु दर जो वर्ष 2005 में 312 थी, 2018-19 में घटकर 165 हो गई। बिहार की महिलाओं की औसत जीवन प्रत्याशा भी 2006 में 61.6 वर्ष से बढ़कर 2016 में 68.5 वर्ष हो गई है।
  • बिहार सशस्त्र बलों की नई महिला बटालियन की स्थापना की गई है। सभी जिलों में महिला पुलिस थानों की स्थापना की गई है। पुलिस बल में सिपाही से कनिष्ठ निरीक्षक के पद पर सीधी भर्ती में महिलाओं को 35 प्रतिशत अतिरिक्त आरक्षण प्रदान की गई है।

बिहार राज्य महिला अधिकारिता नीति, 2015

  • महिलाओं की सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक उन्नति और उन्हें विकास की राष्ट्रीय मुख्यधारा में लाने के लिए बिहार राज्य महिला अधिकारिता नीति, 2015 को मार्च 2015 में अनुमोदित और अपनाया गया है।
  • हिंसा से संबंधित कानूनों और कृत्यों पर क्षमता निर्माण और महिला सशक्तिकरण से संबंधित मुद्दों पर पैरवी करने के लिए लिंग संसाधन केंद्र की स्थापना की गई है।
  • कामकाजी महिलाओं को सुरक्षित आवास उपलब्ध कराने के लिए पटना जिले में कार्यरत महिलाओं के लिए छात्रावास संचालित किया जा रहा है।
  • परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण केन्द्रों के माध्यम से लड़कियों को परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। अनुसूचित जाति की लड़कियों के लिए चंद्रगुप्त मौर्य प्रबंधन संस्थान में 2011 में स्थापित छात्र मार्गदर्शन केंद्र।

मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना

  • मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना वित्तीय वर्ष 2007-08 से चल रही है। यह योजना 18 वर्ष की आयु प्राप्त करने के बाद लड़कियों की शादी के समय गरीब परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है। इस योजना में विवाह पंजीकरण को प्रोत्साहित करने, बाल विवाह को रोकने और लड़कियों की शिक्षा को प्रोत्साहित करने के कई उद्देश्य हैं।
  • आर्थिक एवं सामाजिक विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, सांस्कृतिक विकास, कानूनी जागरूकता, पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए एक महिला को राज्य स्तरीय पुरस्कार तथा 38 महिला (प्रत्येक जिले से एक) को जिला स्तरीय पुरस्कार प्रदान करने का निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री महिला सशक्तिकरण पुरस्कार योजना। राज्य स्तर पर 1,00,000 (एक लाख)रु और अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (8 मार्च) की पूर्व संध्या पर हर साल एक प्रशस्ति पत्र के साथ जिला स्तर पर 50,000 (पचास हजार) रुपये का नकद पुरस्कार प्रदान किया जाएगा।

अन्य पहल (बिहार सरकार की महत्वपूर्ण योजनाएँ)

  • महादलित भूमिहीन परिवारों को भूमि क्रय कर योजना उपलब्ध कराने के राज्य सरकार के नीतिगत निर्णय के तहत परिवार की महिला सदस्य के नाम पर भूमि खरीदी जा रही है।
  • बिहार में शराबबंदी के कारण बचत में वृद्धि हुई है और घरेलू शोषण में गिरावट आई है।
  • किसी भी राज्य के लिए पहली बार क्या हो सकता है, बिहार सरकार ने मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों में लड़कियों के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने का प्रस्ताव किया है। प्रस्ताव को औपचारिक रूप देने के लिए सरकार अगले विधानसभा सत्र में दो नए विधेयक बिहार इंजीनियरिंग विश्वविद्यालय विधेयक और बिहार चिकित्सा शिक्षा विधेयक लाने की योजना बना रही है।
  • राज्य सरकार के नीतिगत निर्णय के अनुपालन में प्रत्येक ग्राम पंचायत में उच्चतर माध्यमिक विद्यालय स्थापित किए जा रहे हैं। इससे लड़कियों की उच्च माध्यमिक शिक्षा तक पहुंच होगी और जनसंख्या को स्थिर करने में भी मदद मिलेगी।
  • वर्ष 2005 में कक्षा 10 की वार्षिक परीक्षा में लड़के और लड़कियों का अनुपात 67:33 था, जो अब लड़कियों की बेहतर शैक्षिक स्थिति सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार के प्रयासों के परिणामस्वरूप 50:50 हो गया है।
  • मुख्यमंत्री अक्षर आँचल योजना (2009-10 से) के कार्यान्वयन ने 67 लाख से अधिक महिलाओं को साक्षर बनाया। 2011 की जनगणना में महिला साक्षरता में 20 प्रतिशत दशकीय वृद्धि दर्ज की गई। महादलित, अल्पसंख्याक एवं अति पिछड़ा वर्ग अक्षर आंचल योजना वर्ष 2013 में प्रारंभ की गई है। इसका उद्देश्य महिलाओं को प्रारंभिक शिक्षा प्रदान करना तथा उपरोक्त वर्ग के वंचित बच्चों को विद्यालय से जोड़ना है।
  • ‘हुनर’ कार्यक्रम के तहत अल्पसंख्यक समूहों की हजारों लड़कियों को 20 विभिन्न व्यवसायों का व्यावसायिक प्रशिक्षण दिया गया है। उन्हें स्वरोजगार शुरू करने और आत्मनिर्भरता हासिल करने में सहायता करने के लिए ‘औज़ार’ कार्यक्रम के तहत टूल-किट भी प्रदान किए गए हैं।
  • राज्य के 38 जिलों में ‘मुख्यमंत्री नारी शक्ति योजना’ के तहत घरेलू हिंसा के पीड़ितों को मुफ्त मनोवैज्ञानिक और कानूनी सहायता प्रदान करने के लिए महिला हेल्पलाइन की स्थापना की गई है।
  • किशोरियों (11-18 वर्ष) के सशक्तिकरण के लिए वित्तीय वर्ष 2011-12 में 12 जिलों (पटना, बक्सर, गया, औरंगाबाद, डब्ल्यू चंपारण, वैशाली, सहरसा, किशनगंज, कटिहार, बांका और मुंगेर) में सबला कार्यक्रम शुरू किया गया था। कार्यक्रम का मुख्य फोकस किशोरियों को आत्मनिर्भर बनाना, कौशल विकास प्रशिक्षण प्रदान करना और पूरक पोषण प्रदान करना है।
  • इंदिरा गांधी मातृत्व सहयोग योजना के अंतर्गत 6000 रुपये का नकद प्रोत्साहन दो किश्तों में पहले गर्भवती महिलाओं को और फिर नर्सिंग माताओं को प्रदान करने के लिए है। वर्तमान में यह योजना वैशाली और सहरसा में संचालित है।
  • प्रत्येक पंचायत (ग्रामीण) और वार्ड/वार्ड समूह (शहरी) में महादलित समुदाय के प्रभुत्व वाले विकास मित्रों का चयन। विकास मित्रों के चयन में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण।
Scroll to Top