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विपक्ष के नेता (Leader of Opposition)| Important Points

विपक्ष के नेता(Leader Of Opposition)

संसद के प्रत्येक सदन में ‘विपक्ष का नेता’ होता है। विपक्ष का नेता (LoP) वह राजनेता होता है जो भारत की संसद के किसी भी सदन में आधिकारिक विपक्ष का नेतृत्व करता है। भारत के वरीयता क्रम (Order of Precedence) में इस पदधारी का स्थान 7वां है।

1969 तक लोकसभा में विपक्षी के नेता को कोई औपचारिक मान्यता, दर्जा या विशेषाधिकार नहीं था। बाद में, विपक्ष के नेता को आधिकारिक मान्यता दी गई और 1977 के अधिनियम द्वारा उनके वेतन और भत्ते बढ़ा दिए गए। तब से, लोकसभा में विपक्ष के नेता को तीन शर्तों को पूरा करना होता है, अर्थात्,

  • उन्हें सदन का सदस्य होना चाहिए
  • सरकार के विरोध में सबसे अधिक संख्याबल वाली पार्टी का सदस्य होना चाहिए और
  • लोकसभा के अध्यक्ष द्वारा मान्यता प्राप्त होनी चाहिए

दिसंबर 1969 में पहली बार कांग्रेस पार्टी (ओ) को संसद में मुख्य विपक्षी दल के रूप में मान्यता दी गई, जबकि इसके नेता राम सुभग सिंह ने विपक्षी नेता की भूमिका निभाई। वर्तमान में, कांग्रेस पार्टी के राहुल गांधी भारत की संसद में विपक्ष के नेता हैं।

विपक्ष के नेता
Leader of Opposition

विपक्ष के नेता के लिए मानदंड: Leader of Opposition

  • सदन के सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता को उस सदन में विपक्ष के नेता के रूप में मान्यता प्राप्त होता है। सदन के सबसे बड़े विपक्षी दल की संख्या सदन की कूल संख्या के 1/10 से कम नहीं होना चाहिए।
  • केंद्रीय सतर्कता आयोग अधिनियम, 2003 के खंड 4 में सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी के नेता को चयन समिति के सदस्य के रूप में एक ऐसे परिदृश्य में शामिल किए जाने का प्रावधान है, जहां संसद के निचले सदन में विपक्ष के मान्यता प्राप्त नेता नहीं होते हैं।

विपक्ष के नेता का कार्य: Leader of Opposition

सरकार की नीतियों की रचनात्मक आलोचना करना और एक वैकल्पिक सरकार प्रदान करना। लोकसभा में विपक्ष के नेता की निम्नलिखित जिम्मेदारियाँ होती हैं।

  • कैबिनेट मंत्री के समकक्ष दर्जा
  • चयन समितियों के सदस्य
    • केंद्रीय जांच ब्यूरो
    • मुख्य चुनाव आयुक्त
    • चुनाव आयुक्त
    • प्रवर्तन निदेशक
    • राष्ट्रीय मानवाधिकार आयुक्त
    • लोकपाल प्रमुख
    • सरकारी व्यय की लेखापरीक्षा और व्यय समिति

विपक्ष के नेता की मान्यता: Leader of Opposition

विपक्ष के नेता को सर्वप्रथम आधिकारिक मान्यता 1969 में दी गई थी और इसे 1977 में (“विपक्ष के नेता के वेतन और भत्ता अधिनियम, 1977”) के द्वारा वैधानिक मान्यता दी गई थी। यह पद 1970 से 1977 के बीच, 1980 से 1989 के बीच तथा 2014 से 2024 के बीच रिक्त रहा।

विपक्ष के नेता पर अन्य तथ्य: Leader of Opposition

  • वे कैबिनेट मंत्री के समान वेतन, भत्ते और अन्य सुविधाओं के हकदार हैं।
  • संयुक्त राज्य अमेरिका में विपक्ष के नेता को ‘अल्पसंख्यक नेता’ के रूप में जाना जाता है।
  • ब्रिटिश राजनीतिक प्रणाली में एक विशिष्ट संस्थान है जिसे ‘शैडो कैबिनेट’ कहा जाता है।
  • 1967 के बाद से एक परंपरा विकसित हुआ है, जिसके तहत सार्वजनिक लेखा समिति के अध्यक्ष का चयन विपक्ष (ज्यादातर विपक्ष के नेता) से किया जाता है।

Also refer :

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