विपक्ष का नेता
संसद के प्रत्येक सदन में ‘विपक्ष का नेता’ होता है। विपक्ष का नेता (LoP) वह राजनेता होता है जो भारत की संसद के किसी भी सदन में आधिकारिक विपक्ष का नेतृत्व करता है।
विपक्ष के नेता के लिए मानदंड:
- सदन के सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता को उस सदन में विपक्ष के नेता के रूप में मान्यता प्राप्त होता है। सदन के सबसे बड़े विपक्षी दल की संख्या सदन की कूल संख्या के 1/10 से कम नहीं होना चाहिए।
- केंद्रीय सतर्कता आयोग अधिनियम, 2003 के खंड 4 में सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी के नेता को चयन समिति के सदस्य के रूप में एक ऐसे परिदृश्य में शामिल किए जाने का प्रावधान है, जहां संसद के निचले सदन में विपक्ष के मान्यता प्राप्त नेता नहीं होते हैं।
विपक्ष के नेता का कार्य:
सरकार की नीतियों की रचनात्मक आलोचना करना और एक वैकल्पिक सरकार प्रदान करना।
विपक्ष के नेता की मान्यता:
विपक्ष के नेता को सर्वप्रथम आधिकारिक मान्यता 1969 में दी गई थी और इसे 1977 में वैधानिक मान्यता दी गई थी।
विपक्ष के नेता पर अन्य तथ्य:
- वे कैबिनेट मंत्री के समान वेतन, भत्ते और अन्य सुविधाओं के हकदार हैं।
- संयुक्त राज्य अमेरिका में विपक्ष के नेता को ‘अल्पसंख्यक नेता’ के रूप में जाना जाता है।
- ब्रिटिश राजनीतिक प्रणाली में एक विशिष्ट संस्थान है जिसे ‘शैडो कैबिनेट’ कहा जाता है।
- 1967 के बाद से एक परंपरा विकसित हुआ है, जिसके तहत सार्वजनिक लेखा समिति के अध्यक्ष का चयन विपक्ष (ज्यादातर विपक्ष के नेता) से किया जाता है।
Also refer :
- Top 50 Science MCQs For Competitive Exams
- Know About The Different Financial Sector Regulators In India