बिहार आर्थिक सर्वेक्षण का सार: 2023-24
यह रिपोर्ट राज्य के उप मुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने विधानमंडल के दोनों सदनों में पेश की। यह बिहार आर्थिक सर्वेक्षण की 18वीं रिपोर्ट थी, जो 2006-07 में नीतीश कुमार सरकार द्वारा शुरू की गई थी।
बिहार अर्थव्यवस्था : एक अवलोकन (बिहार आर्थिक सर्वेक्षण)
कारक | बिहार आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 से डेटा |
बिहार के जीएसडीपी में बढ़त | 10.6% |
वर्तमान कीमतों पर जीएसडीपी | 7 . 5 लाख करोड़ रुपये |
स्थिर कीमतों पर जीएसडीपी | 4 . 4 लाख करोड़ रुपये |
मौजूदा कीमतों पर NSDP | 6.8 लाख करोड़ रुपये |
स्थिर कीमतों पर एनएसडीपी | 3.9 लाख करोड़ रुपये |
वर्तमान कीमतों पर GFCF (सकल स्थिर पूंजी निर्माण) | 35,343 करोड़ रुपये |
जीएसडीपी में प्राथमिक क्षेत्र का हिस्सा | 20% |
जीएसडीपी में द्वितीयक क्षेत्र का हिस्सा | 20% |
जीएसडीपी में तृतीयक क्षेत्र का हिस्सा | 60% |
स्थिर कीमतों पर प्राथमिक क्षेत्र की विकास दर | 6.7% |
स्थिर कीमतों पर द्वितीयक क्षेत्र की विकास दर | 6.8% |
स्थिर कीमतों पर तृतीयक क्षेत्र की विकास दर | 13% |
बिहार आर्थिक सर्वेक्षण: 2023-24 से अन्य महत्वपूर्ण तथ्य
- राज्य के छह जिलों पटना, रोहतास, मुजफ्फरपुर, बेगूसराय, मुंगेर और भागलपुर में प्रति व्यक्ति आय 2021-22 में राज्य औसत से अधिक थी।
- बिहार और भारत दोनों में प्राथमिक क्षेत्र की हिस्सेदारी रोजगार में सबसे अधिक, और सकल मूल्य वर्धन में सबसे कम है।
- राज्य ने अब तक कुल 5 कृषि कर्मण पुरस्कार जीते हैं।
- बिहार में अक्षय ऊर्जा से बिजली उत्पादन 2021-22 में 31% है। 2025-26 तक 35% करने का लक्ष्य है।
- 2022-23 में एनपीए 9.3% है।
- 2022 में बारिश 849.1 मिमी हुई।
- बीएसपीसीबी ने 2070 तक कार्बन उत्सर्जन को न्यूनतम संभव स्तर पर नियंत्रित करने के लिए यूएनईपी के साथ भागीदारी की।
- ऊर्जा घाटा धीरे-धीरे 2017-18 में (-)3307 मेगा यूनिट से घटकर 2022-23 के दौरान 4034 मेगा यूनिट के अधिशेष पर आ गया है।
जीएसडीपी 7.5 लाख करोड़ होने का अनुमान
वर्ष 2022–23 के लिए त्वरित अनुमान के अनुसार, वर्तमान मूल्य पर बिहार का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) 15.5 फीसदी की दर से बढ़कर 7.5 लाख करोड़ होने का अनुमान है, जबकि वास्तविक सकल राज्य घरेलू उत्पाद 10.6 प्रतिशत बढ़कर 4.4 लाख करोड़ तक पहुंच सकता है.
प्रति व्यक्ति आय बढ़कर 59,637 रुपये होने का अनुमान
आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक राज्य की प्रति व्यक्ति आय पिछले वर्ष की तुलना में 13.9% की बढ़ोतरी हुयी है और यह बढ़कर 59,637 रुपये होने का अनुमान है. यदि स्थिति मूल्य पर देखे तो यह वृद्धि करीब 9.07% है. यानी स्थिर मूल्य पर प्रति व्यक्ति आय 35,119 रुपये हो जाने का अनुमान है.
प्रति व्यक्ति ऋण
राज्य में प्रति व्यक्ति ऋण वर्ष 2018-19 में 14438 रुपये थी जो वर्ष 2023-24 में बढ़कर 24357 रुपये हो गया है.
सामाजिक सेवाओं पर होने वाले खर्च बढ़कर हुआ 88,348 करोड़
पिछले सालों की तुलना में सरकारी व्यय में 20.1% की बढ़ोतरी हुयी है. वर्ष में 2022-23 में यह व्यय बढ़कर 231904 करोड़ हो गया है. राज्य सरकार अपने व्यय का एक बड़ा हिस्सा सामाजिक सेवाओं पर खर्च करती है. वर्ष में 2022-23 में यह खर्च बढ़कर 88348 करोड़ हो गया है.
Also refer:
- बिहार स्पेशल सामान्य ज्ञान
- Download BPSC 66th prelims question paper: हिंदी में, English.