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झारखण्ड में जनजातीय विद्रोह की सूची | Important

झारखण्ड में जनजातीय विद्रोह की सूची

आंदोलन का नाम संबंधित क्षेत्र अवधि नेतृत्वकर्ता विशेष तथ्य
ढाल विद्रोह ढालभूम 1767-77जगन्नाथ ढाल अंग्रेजों के विरुद्ध प्रथम विद्रोह ।
चुआर विद्रोह सिंहभूम 1769-1805रघुनाथ महतो, श्याम गंजम प्रमुख कारण चुआरों द्वारा लगन नहीं देने के कारण पंचेत राज्य को नीलम किया जाना ।
चेरो विद्रोह पलामू 1770-1818चित्रजीत राय, जयनाथ सिंह इस विद्रोह का दमन करने हेतु जमींदारी पुलिस बल का गठन किया गया ।
भोगता विद्रोह पलामू 1770-71जयनाथ सिंहमुख्य कारण जयनाथ सिंह को पलामू किला छोड़ने सम्बन्धी दिया जानेवाला आदेश था ।
घटवाल विद्रोह रामगढ़ 1772-73विभिन्न घटवाल सरदार यह विद्रोह अपने राजा मुकुंद सिंह के प्रति अंग्रेजों द्वारा किया गया दुर्व्यवहार का विरोध था ।
पहाड़िया विद्रोह संथाल परगना 1772-80जगन्नाथ देव, रानी सर्वेश्वरी
तिलका आंदोलन भागलपुर 1773-85तिलका मांझी विद्रोह के दौरान 13 जनवरी, 1784 को तिलका मांझी ने क्लीवलैंड की हत्या कर दी । जिसके फलस्वरूप तिलका मांझी(झारखण्ड में सर्वप्रथम शहीद होने वाले स्वतंत्रता सेनानी ) को 1785 में भागलपुर में बरगद के पेड़ से फांशी पर लटका दिया गया ।
तमाड़ विद्रोह राँची, पंचेत, वीरभूम 1782-1807विष्णु व मौजी मानकी अंग्रेजों द्वारा बाहरी लोगों को प्राथमिकता देने तथा नागवंशी शासकों के शोषण के विरुद्ध यह विद्रोह हुआ ।
मुण्डा विद्रोह 1793-1832विभिन्न नेतृत्वकर्ता
हो विद्रोह कोल्हान 1820-21पोटो सरदार
कोल विद्रोह हजारीबाग को छोड़ सभी क्षेत्र 1831-32सिंगराई मानकी,सुर्गा मुण्डा मुख्य कारण भूमि सम्बन्धी असंतोष तथा गैर-आदिवासियों द्वारा जनजातीय शोषण था ।
भूमिज विद्रोह बाडभूम, सिंहभूम 1832-33गंगा नारायण इस विद्रोह को ‘ गंगा नारायण का हंगामा ‘ की संज्ञा दी जाती है ।
संथाल विद्रोह संथाल परगना 1855-57सिद्धू -कान्हू इसे मुक्ति आंदोलन के नाम से भी जाना जाता है ।
सरदारी आंदोलन 1858 – 70विभिन्न कोल सरदार 1869 ई. में छोटानागपुर टेंयूर्स एक्ट लागू ।
साफाहोड़ आंदोलन 1870लाल हेम्ब्रम उर्फ़ लाल बाबा इस आंदोलन का सम्बन्ध मुलतः मुण्डा जनजाति से है ।
खरवार आंदोलन संथाल परगना 1874भागीरथ मांझी
मुण्डा उलगुलान राँची-खूंटी 1895 – 1900बिरसा मुण्डा
ताना भगत आंदोलन 1913 -1914जतरा भगत प्रारंभ में कुकख धरम आंदोलन के नाम से जाना गया था ।
हरिबाबा आंदोलन सिंहभूम 1931हरिबाबा उर्फ़ दुका हो यह एक प्रकार का शुद्धि आंदोलन था ।
झारखण्ड में जनजातीय विद्रोह

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