झारखण्ड का भौगोलिक परिचय
झारखंड (“जंगल की भूमि”) पूर्वी भारत में एक राज्य है, जिसे 15 नवंबर 2000 को बनाया गया था, जो पहले बिहार के दक्षिणी आधे हिस्से में था। राज्य अपनी सीमा उत्तर में बिहार राज्य, उत्तर पश्चिम में उत्तर प्रदेश, पश्चिम में छत्तीसगढ़, दक्षिण में ओडिशा और पूर्व में पश्चिम बंगाल तक साझा करता है। इसका क्षेत्रफल 79,714 किमी² (30,778 वर्ग मील) है। यह क्षेत्रफल के हिसाब से 15वां सबसे बड़ा और जनसंख्या के हिसाब से 14वां सबसे बड़ा राज्य है। हिंदी राज्य की आधिकारिक भाषा है। रांची शहर इसकी राजधानी है और दुमका इसकी उप राजधानी है। राज्य अपने झरनों, पहाड़ियों और पवित्र स्थानों के लिए जाना जाता है: बैद्यनाथ धाम, पारसनाथ और रजरप्पा प्रमुख धार्मिक स्थल हैं।
भौगोलिक स्थिति | भारत के पूर्वी भाग में स्थित |
राज्य की आकृति | चतुर्भुजाकार |
राजधानी | राँची |
उप राजधानी | दुमका |
चौड़ाई (पूर्व से पश्चिम ) | 463 km |
लंबाई (उत्तर से दक्षिण ) | 380 km |
अक्षांशीय विस्तार | 21°58’10” से 25°19’15”उत्तरी अक्षांश |
देशांतरीय विस्तार | 83°19’50”से 87°57’पूर्वी देशांतर |
भौगोलिक सीमाएं | उत्तर में बिहार, दक्षिण में ओडिशा, पूर्व में पश्चिम बंगाल , पश्चिम में छत्तीसगढ़ एवं उत्तर प्रदेश | |
भारत के कुल क्षेत्रफल का हिस्सा | 2.42 % |
भारत की कूल जनसँख्या का हिस्सा | 2.72 % |
क्षेत्रफल की दृष्टि से झारखण्ड का देश में स्थान | 15 |
जन्शंख्या की दृष्टि से झारखण्ड का देश में स्थान | 14 |
क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा प्रमंडल | उत्तरी छोटानागपुर |
क्षेत्रफल के दृष्टि से सबसे छोटा प्रमंडल | पलामू |
सबसे ऊँची चोटी | पारसनाथ (सम्मेद शिखर) |
कुल जिलो कि संख्या | 24 |
क्षेत्रफल के दृष्टि से सबसे बड़ा जिला | पश्चिमी सिंहभूम |
क्षेत्रफल के दृष्टि से सबसे छोटा जिला | रामगढ़ |
कुल अनुमंडलों कि संख्या | 45 |
कुल प्रखंडो कि संख्या | 260 |
मुख्य फसल | धान |
स्थानीय कृषि का नाम | खल्लु कृषि |
जलवायु | उष्णकटिबंधीय मानसूनी |
कुल वन भूमि | 29.55% |
कूल कृषि योग्य भूमि | 47.67% |
कूल सिंचित भूमि | 12.77% |
झारखण्ड की मिट्टी
मिट्टी के वर्गीकरण के अनुसार, प्रदेश की ज्यादातर भूमि चट्टानों एवं पत्थरों के अपरदन से बनी है। जिन्हें इस प्रकार उप-विभाजित किया जा सकता है:
- लाल मिट्टी : यह राज्य की सर्वप्रमुख मिट्टी है | छोटानागपुर के लगभग 90% क्षेत्र में यह मिट्टी पाई जाती है |
- काली मिट्टी : राजमहल के पहाड़ी क्षेत्र में पाई जाती है | धान एवं चने की खेती के लिए उपयुक्त है |
- लेटराइट मिट्टी : राँची के पश्चिमी हिस्से, पलामू, संथाल परगना के कुछ क्षेत्र एवं पश्चिमी एवं पूर्वी सिंहभूम में पायी जाती है।
- अभ्रकमूलक: कोडरमा, झुमरी तिलैया, बड़कागाँव, एवं मंदार पर्वत के आसपास के क्षेत्रों में पायी जाती है।
- रेतीली मिट्टी : हजारीबाग के पूर्व व धनबाद में |मोटे अनाज के लिए उपयुक्त |
- जलोढ़ मिट्टी : मुख्यतः संथाल परगना के उत्तरी मुहाने पर पाई जाती है | धान एवं गेहूं की खेती के लिए उपयुक्त है|
पड़ोसी राज्यों की सीमाओं को स्पर्श करने वाले झारखण्ड के जिले
राज्य | जिले |
बिहार | गढ़वा, पलामू, चतरा, हजारीबाग, कोडरमा, गिरिडीह, देवघर, दुमका, गोड्डा, साहेबगंज |
प0 बंगाल | साहेबगंज, पाकुड़, दुमका, जामताड़ा, धनबाद, रामगढ़, राँची, सरायकेला- खरसावाँ, पूर्वी सिंहभूम |
ओड़िशा | पूर्वी सिंहभूम, सरायकेला- खरसावाँ, पश्चिमी सिंहभूम, सिमडेगा |
छत्तीसगढ़ | सिमडेगा, गुमला, लातेहार, गढ़वा |
उत्तर प्रदेश | गढ़वा |
- बिहार तथा पश्चिम बंगाल राज्य की सीमाओं को झारखण्ड के सर्वाधिक दस – दस जिलों को स्पर्श करते हैं.
- खूँटी तथा लोहरदगा ही एसे जिले हैं जो किसी अन्य राज्य की सीमा को स्पर्श नहीं करते हैं.
- गढ़वा जिला की सीमा तीन राज्यों उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ तथा बिहार से लगी हुई है.
- उत्तर प्रदेश की सीमा को स्पर्श करने वाला एक मात्र जिला गढ़वा है.
झारखण्ड में जनजातीय विद्रोह
Also refer :